नव वर्ष पर कविता
'' नव वर्ष मुबारक हो सबको '' नए साल ने दस्तक दी है नव वर्ष मुबारक हो सबको , बीते बरस के खट्टे-मीठे अनुभव भेदभाव सब बैर बिसारकर नव वर्ष का आदर स्वागत करें हम खुशियों का उपहार लूटाकर , दिलों में प्रीत की जोत जलाएं आत्मीयता का पुष्प बिछाकर घर,समाज,देश हर रिश्ते संग आह्लाद,नेह का घन बरसाकर , हम सब मिल यह संकल्प करें नव वर्ष विश्व का मंगलमय हो बहे जीवन सबके ज़ाफ़रानी बयार दुःख,दर्द,रोग,शत्रुओं का क्षय हो , उमंग,तरंग से पुलकित अन्तर्मन हर्ष उल्लास से जीवन सुखमय हो कल्पनाएं,अभिलाषाएं,आशाओं की कभी ना राह किसी की कंटकमय हो , नव वर्ष नई स्फूर्ति नव किरण बिखेरे खुशियों के फूल खिले घर आँगन में हर सुबह सुहानी शुभ संदेशों की ध्वजा फहराये हर प्रांगण में, दैन्य,दरिद्रता,दुःख,कष्ट तमस मिटे नाचे मोरनी कूके कोयल कानन में साहस,सुयश,सद्ज्ञान,विज्ञान का परचम लहराये हिन्द के दामन में, नए साल ने दस्तक दी है नव वर्ष मुबारक हो सबको , जय हिन्द ,जय भारत ...