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आँसू ग़ज़ल

                       आँसू ग़ज़ल  कहीं कोई जान ना जाए  मेरे आँसुओं का राज इसलिए रो लेती भर आँखों में ही दर्द सारी रात । हद तोड़ पलकों की ढरकते आँसू जो गालों पर  लिख कह देते अंजन से सारे दर्द रूख़सारों पर तूफ़ां सा उठता ज्वार आँखों के गहरे समंदर में अश्क़ों से भींगे दामन दिखाऊं किसे ये मंजर मैं । दिखा ना सकूं जो जख़्म कह सकूं नहीं जो दर्द  समझ लेना बहते आँसुओं से दिल का हर मर्ज़ आँसू से लिखा अफ़साना है जज़्बातों का मोती कितने भी करूं जतन मोहब्बत कम नहीं होती । जो लमहे गुजारे चाँदनी रातों में संग चलते हुए   अक्सर लड़े उल्फ़त की बातों में संग हँसते हुए  उन्हीं बातों को याद कर सावन,भादों हुईं आँखें सुलगे सेज ना आती नींद चुभती कांटों सी रातें । तेरे ख़्वाबों में गुज़रीं जाने कित रातें बिना सोये  कभी आया नहीं जी को सुकूँ आराम बिना रोये जिस डगर पकड़ बांहें चले थे हमसफ़र बनकर वो डगर निरख पथराईं आँखें छलक-छलककर ।। सर्वाधिकार सुरक्षित                ...

हिन्दुत्व पर कविता " ग़र ना जागा,हिन्दुत्व का,असली भूगोल बदल जाएगा "

हिन्दुत्व पर कविता " ग़र ना जागा,हिन्दुत्व का,असली भूगोल बदल जाएगा " हरगिज़ ना भूलना  मान सम्मान तुम सनातन धर्म का  जागो,जागो हिन्दुओं जागो वरना सर्वनाश हो जायेगा जप राम का नाम स्वत: जगाओ अन्दर के भगवा को किया गद्दारी ग़र देशधर्म से निश्चय विनाश हो जाएगा । ग़र ना हुआ तुम भोले शंकर,श्रीराम,कृष्ण,हनुमान का  ग़र नहीं रखा दिल में जुनूँ अखंड हिन्दुत्व के आन का  ग़र नहीं भरा तूं उर में गूंज हर-हर महादेव के नाद का ग़र ना जागा,हिन्दुत्व का,असली भूगोल बदल जाएगा । माला के मनके बिखर गए ग़र जात-पांत में बंटे रहे ग़र हिंदुत्व भाव से मुँख मोड़,निज के स्वार्थ में फँसे रहे ग़र ग़र ना चेते तुम वर्तमान के आँखों देखे बर्बर हालात पर  छुप के दुश्मन घात करेगा डटे नहीं तुम धर्म रक्षार्थ ग़र । तन भगवा मन भगवा,माँ के मांग का भगवा रंग सिन्दुर  भगवा दीये की लौ का रंग भगवा रंग में चंदा,सूरज चूर जनेऊ,मंदिर,तिलक,कलावा हिंन्दू प्रतीक के दिव्य रूप  रंगना भगवा देश समूचा भगवा केशरीनंदन का स्वरूप । केसरिया के आन लिए अपनी मातृभूमि की शान लिए ले मशाल हाथों में लाना,उबाल लहू में हिन्द...