सन पन्द्रह ने दिया सन सोलह का उपहार
सन पन्द्रह ने दिया सन सोलह का उपहार हम नई ऊर्जा के साथ चलो नए साल का करें स्वागत सन पन्द्रह की दी सौग़ात का क्या लिया क्या दिया है इस गुजरे साल ने लिया भूलें,याद रखें क्या दिया नए साल में , गीले,शिकवे,मलाल,द्वेष,क्लेश,अहंकर का नाश करें हम बुराईयों के हर अंतर्जाल का मिटा कर तूं और मैं का दर्प,संकल्प लेकर फासले मन से मन के मिटा इंसानियत का बेकस,बेसहारों को दें संबल सबल बाँह का आओ नयी ऊर्जा के साथ हम नए साल का करें स्वागत सन पन्द्रह की दी सौग़ात का । भरें प्रेम,सौहार्द्र के सागर से मन का गिलास ज़श्न की मस्ती में खोकर भींगें हम एक साथ पंथ,सम्प्रदाय पर फिर कोई सियासत ना हो इक दूजे के प्रति दिल कोई ख़िलाफ़त ना हो ख़ाहिश हर मौसम उलीचे शगुन का तोहफ़ा आओ नयी ऊर्जा के साथ हम नए साल का करें स्वागत सन पन्द्रह की दी सौग़ात का । आओ एक साथ वीणा उठायें भलाई का हम चलो मुस्करा के वादा निभाएं वफ़ाई का हम ख़िज़ाँ के दर्द का भी हम मिल करें आंकलन एकता की ख़ुश्बू से करें मह-मह...