हिंदी नहीं तो हिंदुस्तान कैसा
हिंदी नहीं तो हिंदुस्तान कैसा जब दूर होगी हमसे,हिंदुस्तान से हिंदी फिर अंग्रेज़ी के साथ हमारा क्या होगा गंगा,जमुनी तहज़ीब संस्कृति, सभ्यता हमारे सनातन,धर्म का आगे क्या होगा , अंग्रेजी को आबाद कर चन्द हिमायती राष्ट्रभाषा का अनादर कितना करते हैं हमारी सांस्कृतिक विरासतों के गढ़ में इसी अशिष्ट लिए उद्धत इतना रहते हैं , अंग्रेजों को तो खदेड़ दिया इस मुल्क़ से ठाठ से ये अंग्रेजी यहाँ पोषित होती रही ग़फ़लत में हमारी इसी सौतन भाषा संग सनातनी भाषा पग-पग शोषित होती रही, अंग्रेजी की वक़ालत करने वालों की बस हिंदुस्तान में मुश्किल से मुट्ठी भर तादात हिंदी करोड़ों भारतीयों के जुबां की रानी कैसे करें भला पराई भाषा हम बरदाश्त, रंग-ढंग ना चाल-चलन,रत्ती भर तहज़ीब ना छोटे-बड़ों के आदर-सम्मान का भाव ख़ाक़ करेगी बेअदब मुकाबला हिंदी का जिसमें रखते देशप्रेमी नहीं जरा ...