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बचपन की उन्हीं गुफ़ाओं में

बचपन की उन्हीं गुफ़ाओं में तन्हाई के पहरों पर जब यादें देतीं हैं दस्तक बहती यादों की पुरवा में खो जाती हूँ हद तक, ओ अतीत की खूबसूरत तस्वीरों  मत आया करो मेरी सुप्त शिराओं में वक़्त के आईने में ढल सकी ना भटकती हूँ बचपन की उन्हीं गुफ़ाओं में । खुल जाता खुशनुमा पिटारा  बचपन की उन सँकरी गलियों का जहाँ न कोई आपाधापी,प्रतिस्पर्धा,ईर्ष्या होतीं  बस होती अतीत कीअच्छी बुरी झलकियाँ , गिल्ली डंडा,कंचे और बाग़ की अमियाँ , घनघनाती घंटी सुन कुल्फी,बरफ बेचने वाले की , दौड़ पड़ना चोरी से धान,गेहूँ से भरकर डालियाँ , यादें पुरानी जब चित्र उकेरतीं मन की दरकती दीवारों पर , फिर तो जिवंत हो उठतीं बीते दौर की कितनी बातें , दौड़ती भागती जिंदगी की मीनारों पर , यादें नहीं देखतीं वक्त मुहूर्त, संरक्षित रखतीं यादों के सन्दूक में सारे सूत्र , डायरी के पन्नों पर लिखे इबारत, पत्रों की पोटली,कविताओं की कच्ची कड़ियाँ, सहेजे हुए फोटोग्राफ के सभी पुलिंदे  जो भारी पड़ते आज के फेस बुक,जीमेल चैट पर  भावों की भंग...

ग़ज़ल

       ग़ज़ल  मेरे ख़्वाबों में आना दबे पांव तुम चराग़-ए-वफा बुझ ना जाए कहीं झिलमिला रहे लम्हें हंसीं यादों के लम्हा ये तन्हा गुजर ना जाए कहीं अश्क़ों से गीली पलक की जमीं है मोहब्बत में हम मिट ना जायें कहीं माना मजबूर तूं पर मोहब्बत नहीं अहदो-पैमान ही रह ना जाए कहीं चांदनी शब में ढूंढतीं हैं निगाहें तुझे वीरां मुंडेरों टिकी रह ना जाएं कहीं नींद से रहती बोझिल मगर जागती दर से आहट वो मुड़ ना जाए कहीं । अहदो-पैमान--वादे कसमें                        शैल सिंह

ओ बेवफ़ा

       ओ बेवफ़ा मेरी वफ़ा का सिला क्या ,तूने दिया वो बेवफ़ा अच्छी निभाई यारी ,संग यार के वो बेवफ़ा, पूछते सभी सवाल मुझसे अनुत्तरित जुबां है बदनीयत पे हैरां हूँ मैं ,वो इकरारे रुत कहाँ है वो इकरारे रुत कहाँ है रुसवा किया है तुमने ख़यालात को वो बेवफ़ा , जिस तरह से रेजा-रेजा मेरी अर्से-वफा हुई है तूं भी रोये खूँ के आँसू अना घायल मेरी हुई है अना घायल मेरी हुई है हो ज़न्नत मुझे नसीब तुझे दोज़ख़ वो बेवफा , चकाचौंध दौलतों की तूने गिरवी ईमान रखा बड़ी सादगी से मेरी शराफत पर अज़ाब रखा शराफत पर अज़ाब रखा इस गुनाह की तुझे खुद ख़ुदा सजा दे वो बेवफा दिखाया नकली चेहरा ऐतबार का कतल कर फूलों से ज़ख्म खायी काँटों से बच के चल कर काँटों से बच के चल कर    तेरा आशियां जले मेरा घर रौशन हो वो बेवफा ।                                               ...