पुरनिमा की रात का पैबन्द आँखों में सी रहे थे
कश्मीर में मतदान के दौरान ..... रुख़ बदल रही हवाएँ रुत बदल रही फ़िजां की ख़ौफ़ की जद से निकल लौ जली नई शमां की देखिये वादी-ए-कश्मीर मे मतदान हो रहा है । जाग उठा ज़मीर बदली सोच अब आवाम की बर्फ सी पिघल के फांस भी खड़ी हुई चट्टान सी देखिये वादी-ए-कश्मीर का इम्तहान हो रहा है । आतंक के साये में जीस्त मर-मर के जी रहे थे पुरनिमा की रात का पैबन्द आँखों में सी रहे थे देखिये वादी-ए-कश्मीर का यूँ विहान हो रहा है | shail singh