हम ऐसी जमीं के जांबाज सिपाही
कश्मीर तेरी प्यारी बहन है क्या जो ससुराल से विदा कराकर ले जाएगाजीतनी बार भेजेगा लावलश्कर कंहार लाशों का ढेर शानों पे ले जायेगा
आ जा प्यारे तेरी आवभगत के लिए बेताब यहाँ गोले बारूद बरसने को
सीमा पे तैनात तेरे जीजाओं की बन्दूक भरी स्वागत में आग उगलने को
इत्ता वैराग भी ठीक नहीं पागलों अब कश्मीर राग अलापना दो भी छोड़
भीतर से खोखला है तूं कितना करना है तो कर भारत की प्रगति से होड़
अभी तो देखी तुमने केवल हमारी शराफ़त ग़र अपने पर हम आ जायेंगे
अभी वक़्त है चेत ले वरना तेरे घर में घुस ऐसी कहर क़यामत का ढाएंगे
इक-इक को चुन-चुन कर माँ की कसम कश्मीर का भैरवी राग सुनाएंगे
जो दहशतगर्दी फैला रखी भारत की जमीं पर उससे तेरा मुल्क़ जलाएंगे
पहले देख तूं अपने वतन की जर्जर हालत जो माँ तेरी,उस पे तरस तूं खा
मत आँख उठाकर देख पावन धरा मेरी छिछोरेपन से कायर बाज तूं आ
अरे उचक्कों तुम्हारी नौटंकी का दृश्य देखने हम तैनात नहीं सीमाओं पे
हम ऐसी जमीं के जांबाज सिपाही जो जान लुटाया करते अपनी माँओं पे।
shail shingh
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