शनिवार, 14 जून 2014

जिंदगी का मक़सद

 हिमाञ्चल प्रदेश में व्यास नदी में जो समाहित हो गए ,
 उनके परिजनों का यह विलाप 

छीनकर इस जिंदगी का मक़सद ओ आफ़रीदगार 
दस्ते गुरबत में डुबोकर क्या मिला परवरदिगार 
जीस्त जिसपे वारा था कहाँ ले गया ये आबशार 
हैरतज़दा भी हैफ़ भी रूठी किस्मत दिल आज़ार । 

 आफ़रीदगार--सृष्टि कर्ता 
 दस्ते गुरबत --दुखों के संसार में 
जीस्त --जीवन  , आबशार--जल प्रपात 
हैफ़ --अफ़सोस  , आज़ार --दुःखदायी । 

बड़े गुमान से उड़ान मेरी,विद्वेषी लोग आंके थे ढहा सके ना शतरंज के बिसात बुलंद से ईरादे  ध्येय ने बदल दिया मुक़द्दर संघर्ष की स्याही से कद अंबर...