अकेलेपन में ख़ुशी की तलाश
अकेलापन भी एक एकान्त साधना है एकान्तमिकता की मौनता भी अबूझ है मन को कहाँ से कहाँ भटका ले जाती है यही एकान्तमिकता कवि मौन मन को मुक्त रूप से कवितायेँ रचने के लिए शब्दों की समाधि में लीन कर उदासी को कविता कहानियों के संसार में ले जा जीवन का सार सिखा ,जता ,बता देती है । वीतरागी मन के लिए ,छीजती हुई जिंदगी के लिए एकान्त किसी विलक्षण औषधि से कम नहीं , यही कारण है कि एकान्त वास में मैं अपने अकेलेपन और उदासी के उत्सव को ,मन रमा कविताओं की विभिन्न विधाओं में मना लेती हूँ , मन होता विराट फ़लक पर रच डालूं ,उदासी के क्षणों में हुए चुप्पी के करुणा का सागर ,मन की कातर विह्वलता का संसार ,विलक्षण अनुभवों का बहाव जिसका माध्यम सारे दर्द की दवा बन जाये। कभी-कभी तो जैसे शब्दों का अकाल सा पड़ जाता है ,मन का उद्वेलन व्यक्त करने के लिए भाव होते हुए भी शब्द विलीन हो जाते हैं ,भाषा करवट ले ले उकताती है पर शब्द साथ नहीं देते और फिर निराशा जन्म लेकर गहन उदासी पैदा कर देती है । ये शब्द भी क्या धूप-छाँव का खेल खेलते हैं कभी तो उबार लेते हैं अपनी अमूल्य निधि की...