शनिवार, 19 मार्च 2022

होली पर एक मधुर गीत

           होली पर एक मधुर गीत 


आया फागुन का महिना फूल खिल गये टहक पलाश के
खेत,खलिहान हुए गुलज़ार  दिन आ गये हर्ष,उल्लास के ,
आया फागुन का महिना-------------। 

अनुपम श्रृंगार किया फागुन ने आई किसलय में तरुनाई 
अमुवा का मंजर मह-मह महके कोयल कूंके ले अंगड़ाई 
लगे बहकने तितली,भौंरे देख कलियों का बाग़ में यौवन 
मंजुल फूलों की पीली चादर सरसों खेतों में बिछा हर्षाई ,
आया फागुन का महिना-------------। 

भीनी-भीनी सुगन्घ से पुलकित हुईं चहुदिशाएँ फागुन में
मन मयूर सा मतवाला विरह की अगन जलाए फागुन में
आओ प्रेम के रंग में रंग प्रीतम अतर्मन भींगाएं फागुन में
मादक गंधों से सांसें अलसाई हमतुम महकाएं फागुन में ,
आया फागुन का महिना-------------। 

बौरा जाते सब फागुन में तोड़ के संयम के सारे प्रतिबंध 
उन्मत्त हो जाता फागुन भी कर वसंत में रंगों से अनुबंध 
मलना गुलाल अंग-अंग कपोल पर रह मर्यादा में सौगंध 
भाईचारे का त्यौहार है होली रखना मधुर सबसे सम्बन्ध ,
आया फागुन का महिना-------------। 

सर्वाधिकार सुरक्षित 
                 शैल सिंह 

बचपन कितना सलोना था

बचपन कितना सलोना था---                                           मीठी-मीठी यादें भूली बिसरी बातें पल स्वर्णिम सुहाना  नटखट भोलापन यारों से क...