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जिंदगी का अनछुआ कोना

                     कहानी                                        जिंदगी का अनछुआ कोना   जिंदगी के इस मुकाम पर आकर पीछे मुड़कर देखता हूँ तो जीवन के सारे घटनाक्रम जीवंत हो उठते हैं। बात वहीँ से शुरू करता हूँ जहाँ से मेरी जिंदगी ने इस कहानी का शक्ल अख्तियार किया है बात सुनने में भले ही विशेष ना लगे पर मेरे जीवन पर उस वक्त ने जो ख़ास छाप छोड़ी उन्हीं  लम्हों का तराशा हुआ एक हिस्सा हूँ । वर्तमान के व्यक्तित्व को देखकर कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता कि मैं भी कभी ऐसा उद्यंड रहा होऊंगा। मेरी प्राम्भिक आधारशिला को किन इंट गारों ने अपनी परवरिश में खड़ा किया उनके विषय में यदि चर्चा नहीं करूँगा तो समझिये उन योगदानों की तौहीनी होगी।    मेरे अपने पिताजी का ऐसा विश्वास था कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है ,शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है जिससे जीवन में सब कुछ पा...