पारदर्शी हो जीवन का हर रास्ता
करले पावन हृदय की गली ओ रे मानव भाव निःस्वार्थ हो कर्म करते चलो ,श्रम करते चलो मानवमात्र के कल्याण के लिए लोक मंगल के भाव तिरोहित करो पारदर्शी हो जीवन का हर रास्ता सदाचारी बनो महानता के लिए खुद का महिमा मंडन करो ना महानता के लिए अत्याचार,अनाचार,अन्याय वास्ते दांव जीवन का दे तम रौशन करो खुद करेगी वरण महानता अमरता के लिए सम्पदा के संग्रह से आसां है बनना महान ओ रे मानव ऐसी महानता घड़ी दो घड़ी के लिए ।