शनिवार, 26 फ़रवरी 2022

भ्रमजाल

            भ्रमजाल 

रातें होतीं रुपहली वे तारों वाली
आसमान चाँद जवानी से भरपूर 
कभी चाहत चढ़ाया परवान मेरा
कुन्दन सा उसका स्पर्शों का नूर ।

लय सांसों की होती जाती मद्धम
जब प्यार-मिलन  का होता संगम 
विहंस बाहुपाश कभी भरते वे जो
दे देता था सहरा भी साथ विहंगम । 

बिन कहे जुबां से अंतर्मन की बातें
आँखें न जाने क्या-क्या कह जातीं 
मेरा शर्माना मधुर मुस्काना उसका 
आहिस्ता ओढ़ती गिरती बल खाती । 

छितरा जाती मुख पर घोर उदासी 
कह अलविदा विलग जब होते हम
होते प्रभात ही चाँद तारों वाला भी 
अलग पुनः ख़्वाब भी बुन लेते हम ।

तब एक झलक बस पा जाने को
हृदय बेचैन,बेक़रार सा रहता था
लो इंतजार अब ख़तम हुआ जब
दूर से देखके उसे दिल कहता था ।

पर इन आँखों को धोखा हुआ या
हो गयी थी हतप्रभ मैं देख नज़ारा 
गलबंहियां डाले संग परी थी कोई
बांहें जो कभी होती थीं हार हमारा ।

दर्द संग ख़ुशी कि हुई सच से रूबरू
सूरत की असलियत शर्मिन्दगी देगी
क्या पता था अजीब सफर मोहब्बत        
कभी ग़म का सिला ये ज़िन्दगी देगी । 
                               
                                                  शैल सिंह 



  

शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2022

" आँखों की करामात पर ग़ज़ल "

आँखों की करामात पर ग़ज़ल



आँखों को मैंने अपनी घटा बना लिया है
उमड़ कहीं न कह दें दिल का राज सारा
इसलिए रख अधरों पे मुस्कान की डली
भींगती रोज भीतर देख अन्दाज़ तुम्हारा ,

निग़ाहों के लफ़्ज़ों से कशमकश में हूँ मैं
फंसी कैसी दुबिधाओं के कफ़स में हूँ मैं
तुम कैसे बाज़ीगर हारा एहतियात सारा
तिलस्मी बड़ा दीद का अल्फ़ाज़ तुम्हारा ,

धड़कनों की सरहद पार आ थे जब गये
निग़ाहों के समंदर उतर नहा थे जब गये
तो कह जाते दिल का भी जज़्बात सारा
बेज़ार करता है नि:शब्द सौगात तुम्हारा ,

ऐसे गुमनाम हुये तुम दे प्रीत की तावीज़ 
क़त्ल किये सुकूं का औ बने भी अज़ीज़ 
निग़ाहों में रख चलते तुम हथियार सारा 
ख़ंजर से तेज किया है मौन वार तुम्हारा ,

नैन किये थे तेरे जो नादाँ दिल से सुलूक 
खिल गये थे गुल प्यार के उद्गार हैं सुबूत 
कर दिया है बयां लिख कर हालात सारा
बेचैन करे तन्हाईयों में ख़यालात तुम्हारा ।

कफ़स--- पिंजरा
सर्वाधिकार सुरक्षित 
              शैल सिंह 


बचपन कितना सलोना था

बचपन कितना सलोना था---                                           मीठी-मीठी यादें भूली बिसरी बातें पल स्वर्णिम सुहाना  नटखट भोलापन यारों से क...