गुरुवार, 27 जुलाई 2023

सूखे सावन पर कविता‐---

बेरहम काली-काली घटा घेर-घेर घनघोर 
आँधी, तूफाँ साथ लिए करती रहती शोर ।

जैसे आषाढ़ मास बीत  गया सूखा-सूखा 
वैसे ना बीत जाये सावन भी रूखा-रूखा 
पपीहा गुहार करे कुहुकिनी कातर पुकारे 
धरा मनुहार करे फलक मोर दादुर निहारे 
उमड़-घुमड़ तड़तड़ाती दामिनी जोर-जोर 
आँधी, तूफाँ साथ लिए करती रहती शोर ।

क्यूँ बादल की चादर ओढ़े बैठी चितचोर 
तप्त है आकुल धरा व्याकुल हैं जीव ढोर 
सूने-सूने खेत क्यारी सूनी पगडण्डी खोर 
बरसो झमाझम घटा मन कर दो सराबोर 
कहीं कहीं मूसलाधार बरसती तूं मुँहजोर 
आँधी, तूफाँ साथ लिए करती रहती शोर ।

किसान टकटकी लगाए निहारे आसमान 
प्रियतम का पथ निरख है प्रेयसी परेशान 
कैसा मनभावन सावन जग लगे सुनसान 
बेरस वृष्टि के व्यवहार से झुलसे अरमान 
चमक-चमक ज़ुल्म करे बिजुरी झकझोर 
आँधी, तूफाँ साथ लिए करती रहती शोर ।

कहें किससे मन की बात पहाड़ लगे रात 
जी जलाये सावन और घटा की करामात 
सखियाँ अपने पिया संग विहँस करें बात 
सताये पी की याद लगे सेज नागिन भाँत 
बदलो मिज़ाज करो नहीं अनीति बरजोर 
आँधी, तूफाँ साथ लिए करती रहती शोर ।

सर्वाधिकार सुरक्षित 
शैल सिंह 

बुधवार, 26 जुलाई 2023

आजा घर परदेशी करती निहोरा

आजा घर परदेशी करती निहोरा 

सावन  की कारी  बदरिया  पिया 
तेरी यादों का विष पी  नागिन हुई ।

नाचें मयूरी मोर पर फहरा-फहरा 
पिउ-पिउ बोले वन पापी पपिहरा 
कुहुके कोयलिया हूक उठे हियरा
दहकावे तन-वदन निरमोही बदरा 
सावन की टिसही सेजरिया पिया 
तेरी यादों का विष पी  नागिन हुई ।

सुध-बुध दिये सकल पिया बिसरा 
नैना से लोर  ढूरे बहि जाये कजरा 
झूला न कजरी सखिन संग लहरा
चिन्ता अंदेशा में काया गई पियरा
सावन की विरही  कजरिया पिया 
तेरी यादों का  विष पी नागिन हुई ।

बौरा बरसाये नभ झर-झर फुहरा 
सिहरे कलेजा भींजा जाये अंचरा 
भावे ना रूपसज्जा सिंगार गजरा 
आजा घर परदेशी  करती निहोरा 
सावन की कड़के बिजुरिया पिया 
तेरी यादों का  विष पी नागिन हुई ।

उड़ि-उड़ि बैइठे कागा छज्जे मुँड़ेरा 
चिट्ठी ना संदेशा दे शूल चुभे गहरा 
बाबा सुदिन टारि फेरि दिये कंहरा 
लागे ना नैहर में कंत बिना जियरा 
सावन की पिहके पिरितिया पिया 
तेरी यादों का  विष पी नागिन हुई ।

सर्वाधिकार सुरक्षित 
शैल सिंह 



बचपन कितना सलोना था

बचपन कितना सलोना था---                                           मीठी-मीठी यादें भूली बिसरी बातें पल स्वर्णिम सुहाना  नटखट भोलापन यारों से क...