'दिल्ली तूं किस हाल में ' दिल्ली की राजनीति में आजकल जो भूचाल आया हुआ है जो उठा-पटक ,खलल मची हुई है उसकी जिम्मेदार खुद दिल्ली कि जनता है। भावावेश में बहकर दिल्ली की जनता ने जो अपने मतों के साथ खिलवाड़ किया है उसके परिणाम का हश्र खुद उन्हें समझ में आ रहा होगा,और ऐसा नहीं भी हो सकता है क्योंकि ये ज्ञानी और समझदार लोगों की जमात के लोग नहीं हैं। शीला दीक्षित सरकार का कार्यकाल देखा ही था फिर नए खिलाड़ीयों के साथ खेलकर क्या मिला,अस्थिरता कि तलवार हर पल लटकी हुई है,खींचतान मची हुई है। रोज लग रहे आरोपों-प्रत्यारोपों से निपटने में सारा समय जाया हो रहा है ,जनता कि समस्याओं का निदान करने का वक्त तो अपनी ही पार्टी कि समस्याओं से जूझने और निपटने में व्यतीत हो रहा है । भावनाओं की आंधी ने दिल्ली की जनता के सोच-समझ को कुंद कर दिया।यदि भारतीय जनता पार्टी ने इतने अधिक सीटों को हासिल किया तो निश्चित इसके पीछे...
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जनवरी 19, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं