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नव वर्ष मंगलमय हो

नव वर्ष मंगलमय हो  प्रकृति ने रचाया अद्भुत श्रृंगार बागों में बौर लिए टिकोरे का आकार, खेत खलिहान सुनहरे परिधान किये धारण  सेमल पुष्पों ने रंगोली रच धरा किया मनभावन  मंद सुगन्धित हवाओं से वातावरण हुआ गुलजार  नववर्ष, नवसंवत्सर का करना विशेष स्वागत सत्कार । प्रकृति है प्रसन्नचित्त प्रफुल्लित है बूटा-बूटा  धरा-गगन चहुंओर नव पल्लव से सुगन्ध है फूटा मन में उछाह उत्सुकता भरी प्रतिक्षा है शुभ होगा  सूर्यवंशी रामलला का कोसलपुरी में सूर्यतिलक होगा । यह नवल वर्ष सनातनी गौरव का प्रतीक है इसदिन सूर्य करेंगे राघव का अभिषेक वर्णित है नवान्न फसलों से भंडार भर किसान आह्लादित हैं  है सनातनियों का पर्व रामनवमी क्यों राम विवादित हैं । प्रकृति अपने पूर्ण यौवन पर झूम रही मानो पुष्पों,पल्लवों फलों से वृक्ष आच्छादित हैं मानों  नूतनं वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की चतुर्दिक जय हो वैदिक सनातन नूतनवर्ष हर भारतीय को मंगलमय हो । पर्वों शुभ मुहूर्तों का मास चैत्र महिना आया नव दुर्गे की उपासना का नव दिवस मन हर्षाया द्वारे ध्वजा लगा स्वास्तिक बना रंगोली है सजाना नवसंवत्सर के महत्व ...