दैनिक जीवन में प्रयुक्त होने वाले विलुप्त हो गये जो शब्द
'' जिन शब्दों को सिरे से भूल गए '' थपुवा,नरिया,खपड़ा,मड़ई,टाठी,भीत गोईंठा,कंडा,कर्सी,इन्हन,चिपरी,छान्हीं गोहरऊला,कोल्हुवाड़ा,खरिहान,मचान ये सब उच्चारण जाने खो गए कहाँ । सनई,संठा,खरहरा,झंगड़ा,हरेट्ठा,सोटा छिट्टा,खाँची,फरुहा,बरदउल,भुसहुला घूर,कतवार,पण्डोहा,बढ़नी,सेनहना, ये सब उच्चारण जाने खो गए कहाँ । कुरुई,मउनी,डाली,सूप,ओसउनी माठा,कचरस,होरहा,खरवन,लउनी दाना,चबैना,कुचिला,भुकूनी,भरसांय ये सब उच्चारण जाने खो गए कहाँ । ढील,उड़ुस,मस,लीख,चिल्लर,किलनी चइला,फल्ठा,लवना,खोईया,खुखूड़ी रेह,रहंट,मोठ,हेंगीं, ढेकुल,लेहड़, घाम ये सब उच्चारण जाने खो गए कहाँ । कड़िया,ढेकी, पहरूवा,ओखरी, मूसर जांता,चाकी,सील,लोढ़ा,थुन्ही,कोतर गोड़,मूड़ी,केहुनी,कर्हियांय,कपार ये सब उच्चारण जाने खो गए कहाँ । बीड़ो,बोरसी,धुईंहर,कउड़ा,भुकुरी पहल,पोरा,कोठिला,शुज्जा,टेकुरी कन,भूसी,चूनी,चोकर,जुठहड़, पिसान ये सब उच्चारण जाने खो गए कहाँ । कोठा,ताखा, भड़सर,दिवट,भड़ेहरी टोड़ा,मुड़ेरा,ओरी,करनी,धरन,बल्ली गदबेला,मकुनी,डुग्गी,स...