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किसने किस्तों में लूटा है देश सबको है पता

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           " नमो-नमो को समर्पित " किसने किस्तों में है लूटा देश सबको है पता [ १ ] ऐसा कोहिनूर हीरा कभी ना मिलेगा अरे देश वालों क़दर करना जानों सत्ता की लोलुपता में मसीहा ना नकारो महान इस विभूति की शिखा तो पहचानो अंतर्मन के द्वार खोलो और देखो उजाला क्यों तमस का आँखों पर परदा है डाला जिसने विश्व की जुबान पर हिंदी हिंदुस्तान का फूंक दिया है मन्त्र अपने गीता और पुराण का । [ २ ] सियासत के दांव-पेंच से अब उतर रहा नशा बदल रहा हमारा देश और सुधर रही दशा गा रहीं फिजाएं मुस्करा रही दिशा छंटी मन पर छाई बदरी,दीप्त हो रही निशा बहारों को भी है भा गई खिज़ां की हर अदा नदी,बावड़ी,तालाब हुईं कंवल-कंवल फ़िदा किसने किस्तों में है लूटा देश सबको है पता किसके चमके हुनर पर विश्व भी है दे रहा सदा ।                                    शैल सिंह

नमन तुम्हें नन्हें ज्योतिर्मय दीपक

नमन तुम्हें नन्हें ज्योतिर्मय दीपक                                                                                                                        निर्जन रजनी का तूं पथप्रदीप है अन्तर्मन आलोकित करने वाला जगमगाता दीप तूं पर्व पुनीत है चाहे जितने जुगनूँ तारे चमकें बजता हो आसमां में डंका चाँद का पर दीपक की परिभाषा अभिन्न तमकारा चीर सुख देता आनंद का हरने को तिमिर का हर पीर तुम्हें जलना दीपक तुम्हें निरन्तर लिखा बदा में मालिक ने तेरे नहीं कभी भी सुस्ताना पल भर , तुम द्वैत-अद्वैत के मिलन के दीपक तु...