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मेरा साक्षात्कार

      संस्मरण                      मेरा साक्षात्कार      बात उस समय की है जब मैं शोध छात्र  के रूप में पढ़ाई के अंतिम सोपान पर था . मेरे समकालीन सभी छात्र कहीं ना कहीं किसी ना किसी विश्वविद्यालय में प्रवक्ता के पद पर आसीन हो चुके थे ,पर मैं अभी तक व्यवस्थित नहीं हो पाया था ,बहुत पहले एक जगह अप्लाई किया था ,जिसके तहत उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में साक्षात्कार हेतु मुझे इलाहबाद बुलाया गया ,मैं वहाँ इस साक्षात्कार के लिए जाने को बिल्कुल ही तैयार नहीं था ,पर मेरे एक मित्र  ने जो मुझसे लगभग दो वर्ष बाद में शोध छात्र के लिए प्रवेश लिए थे ,उन्होंने मुझ पर बहुत दबाव डाला वो यही पूछते की आखिर क्यों नहीं जाना चाहते . मैं  कहता कि महाविद्यालयों में तो चयन सिफारिशों के आधार पर होता है मैं क्यों जाऊं पैसे और समय की बर्बादी करने ,फिर भी उनके बहुत आग्रह करने पर ,क्यों कि वह मेरे बहुत ही शुभ चिन्तक थे ,वहां गया .वहाँ साक्षात्कार कक्ष के बाहर लगभ...