पन्द्रह अगस्त पर्व मनायें हम प्रण प्यार से
बोली-भाषा से इतर,जाति-धर्म से ऊपर दिल में राष्ट्रभक्ति अभिमान देश की भू पर भले शीश कट जाये कभी शीश नहीं झुकायेंगे चाहे जो देनी क़ुरबानी मातृभूमि पर प्राण लुटायेंगे देश की अस्मिता लिए हम आपसी भेदभाव मिटायेंगे अखंडता,एकता की जला मशालें विकसित राष्ट्र बनायेंगे भारत के उज्जवल भविष्य हेतु नौनिहालों को हमें जगाना है हिन्दवासियों को बाँध एक सूत्र में हिन्दुस्तान को स्वर्ग बनाना है सकुशल जन-जन,अमन,चैन हो भारत माँ पर सर्वस्व लूटायेंगे हम वीर शहीदों के शौर्य की गाथायें गाकर उरों-उरों में क्रांति लायेंगे हम नमन तुम्हें वतन पे मिटने वालों सरहदों पे रहने वालों तुझे मेरा सलाम वतन महबूब मेरा,करते जी-जान से मोहब्बत माँ भारती तुझे मेरा सलाम शैल...