कृष्ण जन्माष्टमी पर मेरे द्वारा रचित भजन
''कृष्ण जन्माष्टमी पर मेरे द्वारा रचित कृष्ण भजन'' नन्द के दुलारे कबसे खड़ी हूँ तिहारे दर पे , दर्शन को प्यासी अँखिया तेरी मैं पुजारन रसिया--२ मीरा की भक्ति भर दो राधा की प्रेम पूजा , तुझमें रमा दूँ जीवन भर दो ऐसा भाव भींगा , तम् सा अँधेरा मन में ज्ञान का सवेरा भर दो , धनवान तुम तो लखिया दर की मैं भिखारन रसिया --२ नन्द के दुलारे कबसे खड़ी हूँ तिहारे पे , दर्शन को प्यासी अँखिया तेरी मैं पुजारन रसिया--२ रास के रचईया स्वामी तुम अन्तर्यामी , भटकी हूँ पथ से अपने मैं हूँ खल कामी , मोह ,दंभ ,लोभ मिटा दो करुणा ,अनुराग जगा दो , पालनहार तुम तो लखिया दर की मैं भिखारन रसिया --२ नन्द के दुलारे कबसे खड़ी हूँ तिहारे पे , दर्शन को प्यासी अँखिया तेरी मैं पुजारन रसिया--२ शैल सिंह ...