संदेश

अगस्त 25, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कृष्ण जन्माष्टमी पर मेरे द्वारा रचित भजन

          ''कृष्ण जन्माष्टमी पर मेरे द्वारा रचित कृष्ण भजन'' नन्द के दुलारे कबसे  खड़ी हूँ तिहारे दर पे , दर्शन को प्यासी अँखिया  तेरी मैं पुजारन रसिया--२  मीरा की भक्ति भर दो राधा की प्रेम पूजा , तुझमें रमा दूँ जीवन  भर दो ऐसा भाव भींगा ,  तम् सा अँधेरा मन में  ज्ञान का सवेरा भर दो , धनवान तुम तो लखिया  दर की मैं भिखारन रसिया --२ नन्द के दुलारे कबसे खड़ी हूँ तिहारे पे , दर्शन को प्यासी अँखिया तेरी मैं पुजारन रसिया--२ रास के रचईया स्वामी  तुम  अन्तर्यामी , भटकी हूँ पथ से अपने मैं हूँ खल कामी , मोह ,दंभ ,लोभ मिटा दो करुणा ,अनुराग जगा दो , पालनहार तुम तो लखिया  दर की मैं भिखारन रसिया --२  नन्द के दुलारे कबसे खड़ी हूँ तिहारे पे , दर्शन को प्यासी अँखिया तेरी मैं पुजारन रसिया--२                                           शैल सिंह ...