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माँ पर कविता

'' माँ पर कविता '' सबसे प्यारी सबसे न्यारी पूज्यनीया है माँ माँ से बढ़कर दुनिया में नहीं कोई बड़ा इन्सान माँ के आगे सब कुछ बौना बौना लगे भगवान माँ दुनिया की पहली अवतरण जिसे कहते हैं माँ कि तेरे जैसा कोई नहीं माँ न तेरे जैसा सुन्दर नाम , माँ शब्द शहद से मीठा आत्मीयता सोम सी माँ की माँ सृष्टि सृजन की रचईता सारे अनुष्ठान चरण में माँ की सबसे बड़ा तीरथ माँ का दर्शन चारों धाम परिधि में माँ की माँ त्याग,तपस्या करुणा की देवी पूजा,मन्त्र है जाप जहाँ की कि तेरे जैसा कोई नहीं माँ न तेरे जैसा सुन्दर नाम , गर्भ के तेरे गहन प्रेम की मैं उपलब्धि हूँ माँ बिना तेरे कहाँ सम्भव था दुनिया में मेरा आना कितनी पीड़ा दर्द सहा कि    मैं दीदार करूँ दुनिया का  सारी दुनिया तुझमें समाई कभी कर्ज़ चुके ना माँ का कि तेरे जैसा कोई नहीं माँ न तेरे जैसा सुन्दर नाम , तूं ममता की पावन मूरत तेरा आँचल सुख का सागर रात-रात भर जाग सुलाई मुझको लोरी गाकर तेरे आँचल की छाँव में छलका निस दिन स्नेह का गागर भींच सीने में सिर सहलाई खिली अंक में मुझे लिटाकर कि ते...

दीवाली पर कविता ''

            '' दीवाली पर कविता ''  शत-शत अभिनन्दन माँ लक्ष्मी तेरा आना हंसा पे सवार मेरे घर आँगना , हर्ष उल्लास का पर्व दीवाली  रिश्तों में खूब गर्माहट लाना  दूर भगा अंधेरा नेह लूटाना नभ तारे शरमा जायें पावन हो तेरा आना , शत-शत अभिनन्दन माँ लक्ष्मी तेरा आना हंसा पे सवार मेरे घर आँगना , धवल ज्योति से उजियारा कर नफ़रत की दीवार ढहाना ईर्ष्या,द्वेष मिटा प्रेम,सौहार्द्र बरसा रौनकता से शान्ति का साम्राज्य बिछाना , शत-शत अभिनन्दन माँ लक्ष्मी तेरा आना हंसा पे सवार मेरे घर आँगना , आसुरी वृत्तियों का कर प्रतिकार अमावस की काली रात भगाना  जग पर कर अनन्त काल अधिकार कण-कण अणु-अणु में प्रकाश बिखराना , शत-शत अभिनन्दन माँ लक्ष्मी तेरा आना हंसा पे सवार मेरे घर आँगना , मन का भाव बतासे सा मीठा हो  दुलराना खिले खील सा अन्तस्तल  खुशियों की सौगात लुटाकर आगमन से शुभ पर्व ये परमानन्द बनाना , शत-शत अभिनन्दन माँ लक्ष्मी तेरा आना हंसा पे सवार मेरे घर आँगना ।                         ...