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देखो अश्रु की धारा

देखो अश्रु की धारा दुश्मन पतित बाज ना आएगा कभी भी अपनी बेशर्मी से जला दो शत्रुओं की लंका लहू की ख़ौलती गर्मी से , इतिहास के पन्नों में होगी दर्ज़ वीरों तुम्हारे शौर्य की गाथा चुका दो क़र्ज़ निभा कर फ़र्ज चूमें माँ भारती गर्व से माथा , इक बलिदानी की विधवा तुझसे ही न्याय है मांगे शहीदों के यतीम बच्चे भी तुझसे ही इंसाफ़ हैं मांगे , उन माँ-बाप के आँखों में देखो अश्रु की बहती अविरल धारा जिनने अपने ज़िगर का टुकड़ा वतन की आन-बान पर वारा , कोई बांका वार ना जाये खाली  रायफ़ल की दुनालों का हो तुम तो बहादुर वीर सिपाही मिटा दो नाम नक़्क़ालों का , गिन-गिन शहादतों का तुम्हें अब   वीरों ज़ल्द इंतक़ाम लेना होगा  तुम्हें क़सम भारत माता की बैरियों का सर क़त्लेआम करना होगा , घर के गद्दारों का भी है ख़तरा कहीं कम ना आंकना शमशीरों पैलटगन भी संभालन कर रखना तुम अपनी भी सुरक्षा में शूरवीरों , हायतौबा मच जाये भले ही  इसका ग़म नहीं है करना क़ौम के संग तुम्हारे सभी लोग बांध लो गिरह नहीं है डरना ।           ...

फट गई ऐसा ब्रह्मास्त्र चलाया कि

   फट गई ऐसा ब्रह्मास्त्र चलाया कि मोदी कर दिए ऐसी कारगुजारी ,बंध गई घिग्घी गिद्धों की सारी होशो-हवास उड़ा,उड़ी है नींद बिचारी ,फट गई ऐसा ब्रह्मास्त्र चलाया कि , प्राचीर से लाल किले ने फोड़ दी है चिंगारी पाकिस्तान में धुवां उठ रहा सुलग-सुलग जल रहा नर संहारी पड़ गया उल्टा पासा भारी ,ईंट को मार पत्थर ने दी करारी बंध गई घिग्घी गिद्धों की सारी ,फट गई ऐसा ब्रह्मास्त्र चलाया कि , मोदी कर दिए ऐसी कारगुजारी ,बंध गई घिग्घी गिद्धों की सारी होशो-हवास उड़ा,उड़ी है नींद बिचारी ,फट गई ऐसा ब्रह्मास्त्र चलाया कि , दिखा आईना गिलगित,बल्टिस्तान का ठोंका '' पीओके '' पे दावा  ज़ालिमों हमने सहा है घाव बहुत फूट रहा भीतर का लावा खुद के ही जाल में फंसा मदारी ,आगे देखो क्या सुलूक हमारी  बंध गई घिग्घी गिद्धों की सारी ,फट गई ऐसा ब्रह्मास्त्र चलाया कि , मोदी कर दिए ऐसी कारगुजारी , बंध गई घिग्घी गिद्धों की सारी होशो-हवास उड़ा,उड़ी है नींद बिचारी ,फट...