योगी जी पर कविता
योगी जी पर कविता महर्षि रूपी मोती लाये मोदी जी खंगाल के ये कीमती नगीना रखना पलकों बिठाल के , पारखी नज़रों से लाये खोज,हीरा तराश के यू.पी.वालों कद्र करना योगी जी कमाल के , गरजता जो सिंह सा औ दहाड़ता है शेर सा खुद के लिए न जिसका कुछ क्षुद्र स्वार्थ सा वह ऐसा कर्मयोगी करता हिन्दुत्व की पैरवी जिसपे जनता हुई न्यौछावर मुग्ध राग भैरवी , ऐसा कोहिनूर जाँच-परख़ ला सौंपा जौहरी यू.पी.के तख़्त पे बैठा दिया दमदार चौधरी जो निष्पक्ष द्वेषरहित करता निःस्वार्थ सेवाएं स्वधर्म का हिमायती फ़िदा जिसपे फ़िज़ाएं , विरोधी तत्व ठप्पा लगाते सम्प्रदायवाद का इनका भाव राष्ट्र चिंतन अलख राष्ट्रवाद का भगवा रंग आत्मरुप हुंकार हिन्दुत्ववाद की काट फेंक दिया जनता ने जड़ वंशवाद की , सर्वोपरि है राष्ट्र निर्माण हो उन्नत समाज का निज की न कोई चाहत संकल्प कल्याण का जिसने सुख,विलास तज धरा पथ निर्वाण का वह संत बन गया है चहेता विस्तृत अवाम का। ...