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'देश गान'

देश के नौजवानों के लिए        देश गान                                                              आन, बान,अस्मिता लिए लड़ीं लड़ाईयां, नौनिहालों शौर्य की सुन लो वो कहानियाँ जय भारती जय वीरभूमि जय जय भारती जय वीरभूमि जय।  ललकारी थीं माँएं बहने अपनी आँख के तारों को सौंपीं,स्वर्नाभूषण,चाँदी,मंगलसूत्र गले के हारों को स्वाभिमान के समर में ढहा कटुता की दीवारों को कर में तिलक लगा पकड़ायीं दुधारी तलवारों को मातृभूमि लिए होम हर कौम ने कर दीं जवानियाँ नौनिहालों शौर्य की सुन लो वो कहानियाँ जय भारती जय वीरभूमि जय  जय भारती जय वीरभूमि जय।   पराक्रमी मराठे जूझे थे मुगलों के अत्याचारों से वतन परस्ती का जज़्बा भर मतवाली हूँकारों से सत्ता छीनकर किया हुक़ूमत गोरी शुरमेदारों  से चूलें हिला दीं थीं  शूरवीरों ने इंक़लाब के नारों से शेर शिवाजी राणा प्रताप ने दीं अपनी कुर्बानियाँ नौनिहालों शौर्य की...