रविवार, 30 अगस्त 2015

हौसलों का दीप ना बुझने पाये

हौसलों का दीप ना बुझने पाये 


भारत माँ के वीर जवानों तेरी जननी आज ललकारे
बहा दो खून की होली जला दो जगमग दीप सितारे ,

रंग-रंग में तेरी जमा है इस धरती का खून पसीना
स्वराज्य करो सपूतों खड़ी रहूँ मैं गर्व से ताने सीना
सर झुके न बैरी के आगे मेरी अभिलाषा वीरों प्यारे
बहा दो …… ।

इस पावन धरती पर गैरों का पदचाप न पड़ने पाये
ओ वीर सिपाही तेरी धरती माँ न कभी तड़पने पाये
ऋण अदा करना गौरव से भर आँचल माँ का दुलारे
बहा दो  .......।

कभी ना मानना हार पुत्रों ना पग पीछे कभी हटाना
स्वतन्त्र रहे ये भारत भूमि दुश्मन के छक्के छुड़ाना
जलता रहे निरन्तर हौसलों का दीया ना बुझने पाये
बहा दो  ….…।
                    शैल सिंह 

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