दस्तूर दुनिया का निभाना है
तुझे नए परिवेश सजाना है ,
बेटी छोड़ नगर नईहर का
सुख वैभव छोड़ पीहर का
नाज़ों पली मेरी राजदुलारी
प्रितम का संसार बसाना है ,
करना हिया से पराई लाडो
दुनिया का तो रीत पुराना है
कर पाषाण कलेजा गुड़िया
दस्तूर दुनिया का निभाना है ,
छोड़ के आँगन बाबुल का
ममता का छोड़ के आँचल
छोड़ तुझे वीरन का चऊरा
विरवा रिश्ता नया बनाना है ,
निमिया का छोड़ बसेरा तुम
सजन मुंडेर चहकना चिरई
पिया के घर,आँखों की पुतरी
डोली चढ़के विदा हो जाना है ,
तेरे यादों की बदली जान मेरी
उमड़-घुमड़ नयनों से बरसेंगी
ऑंखें फुलवारी की ओ फुलवा
तेरे दामन देख ख़ुशी भी हर्षेंगी ।
शैल सिंह
तेरे यादों की बदली जान मेरी
उमड़-घुमड़ नयनों से बरसेंगी
ऑंखें फुलवारी की ओ फुलवा
तेरे दामन देख ख़ुशी भी हर्षेंगी ।
शैल सिंह
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