मंगलवार, 11 अक्तूबर 2022

ईश्वर की लीला'

  ईश्वर की लीला'

बहुत कुछ दिया है यूँ तो खुदा ने 
तृप्ति नाम की चीज मगर पास रख ली ,
अनन्त इच्छायें दीं पवन वेग सी
दमन नाम की चीज मगर पास रख ली ,
रची भोग,लिप्सा,विलास,वासना
शमन नाम की चीज मगर पास रख ली ,
बहुरंगी सपनों के आयाम सजा
जमीं ठोस कर्मों की मगर पास रख ली ,
मन को गढ़ा कितने मनोयोग से 
विभूति मानवता की मगर पास रख ली ,
पत्ता तक हिले ना बिन उसकी मर्जी
वस्तु दोषमुक्ति की भी मगर पास रख ली ,
तज विकार शीश का बोझ उतारें कहाँ
कुँजी निदान की भी तो मगर पास रख ली ,
सुख,शान्ति,अमन,चैन ढूंढ़ते फिर रहे
सन्दूक ऐसे भी धन की मगर पास रख ली,
खामियाँ भी भरीं खुद ही इंसानों में
पिटारा खूबियों का भी मगर पास रख ली ,
सब कुछ हो रहा सृजन के अनुकूल ही 
सर कभी इल्ज़ाम ईश्वर ने कब खुद के ली ।

1 टिप्पणी:

  1. अनन्त इच्छायें दीं पवन वेग सी
    दमन नाम की चीज मगर पास रख ली ,
    रची भोग,लिप्सा,विलास,वासना
    शमन नाम की चीज मगर पास रख ली ,
    जबरदस्त

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