आजा घर परदेशी करती निहोरा
सावन की कारी बदरिया पिया
तेरी यादों का विष पी नागिन हुई ।
नाचें मयूरी मोर पर फहरा-फहरा
पिउ-पिउ बोले वन पापी पपिहरा
कुहुके कोयलिया हूक उठे हियरा
दहकावे तन-वदन निरमोही बदरा
सावन की टिसही सेजरिया पिया
तेरी यादों का विष पी नागिन हुई ।
पिउ-पिउ बोले वन पापी पपिहरा
कुहुके कोयलिया हूक उठे हियरा
दहकावे तन-वदन निरमोही बदरा
सावन की टिसही सेजरिया पिया
तेरी यादों का विष पी नागिन हुई ।
सुध-बुध दिये सकल पिया बिसरा
नैना से लोर ढूरे बहि जाये कजरा
झूला न कजरी सखिन संग लहरा
चिन्ता अंदेशा में काया गई पियरा
सावन की विरही कजरिया पिया
तेरी यादों का विष पी नागिन हुई ।
नैना से लोर ढूरे बहि जाये कजरा
झूला न कजरी सखिन संग लहरा
चिन्ता अंदेशा में काया गई पियरा
सावन की विरही कजरिया पिया
तेरी यादों का विष पी नागिन हुई ।
बौरा बरसाये नभ झर-झर फुहरा
सिहरे कलेजा भींजा जाये अंचरा
भावे ना रूपसज्जा सिंगार गजरा
आजा घर परदेशी करती निहोरा
सावन की कड़के बिजुरिया पिया
तेरी यादों का विष पी नागिन हुई ।
उड़ि-उड़ि बैइठे कागा छज्जे मुँड़ेरा
चिट्ठी ना संदेशा दे शूल चुभे गहरा
बाबा सुदिन टारि फेरि दिये कंहरा
बाबा सुदिन टारि फेरि दिये कंहरा
लागे ना नैहर में कंत बिना जियरा
सावन की पिहके पिरितिया पिया
तेरी यादों का विष पी नागिन हुई ।
तेरी यादों का विष पी नागिन हुई ।
सर्वाधिकार सुरक्षित
शैल सिंह
बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण और हृदय को स्पर्श करने वाला गीत
जवाब देंहटाएं🙏🙏 आपका जितना आभार व्यक्त करूँ कम ही है प्रोत्साहन के लिए मेरी रचनायें पढ़ती रहिये ।
हटाएंमुझे इस बात की खुशी है जिनमें देश में इतने काबिल ऐ तारीफ लेखक है ,,हम धन्य है आपकी लेखनी को पड़कर 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
जवाब देंहटाएंआपने जो मेरी हौसलाअफजाई की है मेरी रचना पढ़कर उसके लिए बहुत-बहुत आभार आपका
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