सम्पूर्ण जगत में बस एक ही भगवान हैं

सम्पूर्ण जगत में बस एक ही भगवान हैं



एक ही हैं भगवान मगर हैं नाम अनेकों गढ़े गए
नाम के चलते ही हृदय बहुत हैं विष भी भरे गए,

अरे प्रकट हो त्रिशूलधारी भटकों को समझाओ
परब्रम्हपरमेश्वर,एकाकार एक ही हैं बतलाओ,

स्वार्थ लिए लोग तुझे बाँटते विभिन्न धर्म-पंन्थों में
दहशत फैला अशांति मचा रखे मुल्क़ों-मुल्क़ों में,

ग़र ना समझें ये अपना रौद्र तांडव रूप दिखाओ
जिनके उत्पात से त्रस्त सभी गह के वज्र गिराओ,

बड़ा लिया तूने इम्तिहान और देखा खून खराबा
मची नाम पे तेरे मारकाट तूं बैठा है कौन दुवाबा,

हम तेरी श्रद्धा के साधक बस राम मंदिर बनवा दो
जो मांगें जन्नत का प्यार उनका प्राण हूरों पे वार दो 

                                                 शैल सिंह

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