बुधवार, 7 मई 2014

चलो लहरों में बह जाएँ

चलो लहरों में बह जाएँ


चलो लहरों में बह जाएँ,तूफानी लहर मोदी की
बाधाएं कब रोक सकीं हवा का रुख मनमौजी
बदलावों की आँधी ने जन मानस को जगा दिया 
कद्दावर मोदी का जलवा हर मन को लुभा दिया  ।

लिखी इबारत पढ़कर सब मंचों पर बोला करते हैं
जब मोदी बोलें दहाड़कर शब्द भी डोला करते हैं
रसास्वाद लेकर सब सुनते हर हर्फ़ की होती चर्चा
इसीलिए हर ओर दिखाई दे खिले कमल का पर्चा ।

जन सैलाब उमड़ता जिसके हर रैली गलियारों में
पेशानी पर बल पड़ जाता विद्रोही खेमों के बाड़ों में
विरोधी बाल की खाल उधेड़ते अफ़वाहों की हॉट लगाते
धोकर हाथ पड़ जाते पीछे खुद के कद पर बाट लगाते ।

चुनावों के महासमर में ख़ूब वादों की झड़ी लगा विरोधी 
वर्षों सत्ता में रह कर खूब पुआ,माल,मलाई उड़ा विरोधी 
हार के डर से सहम गए,मोदी रोको में झोंक रहे ताकत
ग़र ईमान से शासन करते जनता करती उनकी हिफ़ाज़त ।

मोदी देश की ताक़त बनकर उभरे सबल सशक्त बनाना है
महाशक्ति का तमग़ा देकर हमें दुनिया को यह बतलाना है
भरम में रहने वालों को ललकार हम सबको यह समझाना है
आपस की हम सुलझा लेंगें खुद ही नहीं तुम्हें बीच में आना है ।

बी.जे. पी. के सभी धुरंधर राष्ट्र भाल पर तिलक लगायेंगे
दिल्ली के सिंहासन पर मोदी का राज्याभिषेक करवएंगे
जिसे राम राज्य की चिंता सच में वही सच्चा हिन्दुस्तानी है
अखण्ड भारत को मजबूत बनायें ऐसी सौगन्ध निभानी है 

                                                                            शैल सिंह










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