कल की आरजू में आज को गंवाना नहीं अच्छा
ना जाने क्या हो कल ये तो कोई नहीं है जानता 
आज कभी लौटकर नहीं आता है आज में जीयें
कल न जाने क्या घट जाए कोई नहीं है जानता।
शैल सिंह 

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