ये वादियां,फ़िज़ाएं दे रहीं आमन्त्रण
कुर्ग, कोडईकनाल, मुन्नार, लोनावालाअवकाश का आनंद लेने चलें खंडाला ,
कहीं बीत ना जाये गरमी की छुट्टियां
उधेड़बुन में खुल ना जाये झट स्कूल
अनदेखा,अविगत अनुभव करने का
फिर कचोटता रह ना जाये चित शूल ,
वन की विलक्षण वनस्पतियां देखने
अनुपम उद्यान,रंग-विरंगे उपवन का
ये वादियां,फिजायें दे रहीं आमन्त्रण
लुत्फ़ उठाने को निरूपम मौसम का ,
पर्यटन के अनेक रूपों का रोमांचक
एहसास कराने विलक्षण जहान का
कल-कल बहते झरने पहाड़ बीच से
साक्षात् दृश्य डूबते हुए अंशुमान का ,
एहसास कराने विलक्षण जहान का
कल-कल बहते झरने पहाड़ बीच से
साक्षात् दृश्य डूबते हुए अंशुमान का ,
सावन की बरसती रिम-झिम फुहारें
उस पर अप्रतिम सौन्दर्य प्रकृति का
भीनी-भीनी ख़ुश्बू सुहाये पावस की
ठंडी हवा के झोंके नैसर्गिक सुंदरता ,
हरी-भरी खूबसूरत लगती पहाड़ियां
झरनों के चतुर्दिक चादर बादल का
कण-कण स्वागत करती मुग्ध धरा
मानसून के जीवन्त सुरभित रंग का ,
प्राकृतिक सुवास से प्राण प्रस्फुटित
पेड़-पत्ते,जीव-जन्तु ,नदी,पोखर का
छटा मनोहर भाये सुंदर गोधूलि की
शांत,एकांत सदाबहार गिरि दल का ,
प्रकृति का बेजोड़ उपहार समेटे पर्वत
अलौकिक अनुभूति,मोहक रमणीयता
अनगिनत अनोखा दर्शनीय स्थल यहाँ
बर्फीला रेगिस्तान औ मरुस्थल दिखता ,
अनदेखे कोनों की आओ याद सहेजने
शहरों की हलचल से बिल्कुल अलहदा
जिस सैर से सैलानी दिल हो बाग़-बाग़
आओ देखो मस्त चाँद नीले अम्बर का ,
मदहोशी का आलम फैला दूर-दूर तक
मानसून के जीवन्त सुरभित रंग का ,
प्राकृतिक सुवास से प्राण प्रस्फुटित
पेड़-पत्ते,जीव-जन्तु ,नदी,पोखर का
छटा मनोहर भाये सुंदर गोधूलि की
शांत,एकांत सदाबहार गिरि दल का ,
प्रकृति का बेजोड़ उपहार समेटे पर्वत
अलौकिक अनुभूति,मोहक रमणीयता
अनगिनत अनोखा दर्शनीय स्थल यहाँ
बर्फीला रेगिस्तान औ मरुस्थल दिखता ,
अनदेखे कोनों की आओ याद सहेजने
शहरों की हलचल से बिल्कुल अलहदा
जिस सैर से सैलानी दिल हो बाग़-बाग़
आओ देखो मस्त चाँद नीले अम्बर का ,
मदहोशी का आलम फैला दूर-दूर तक
कुनकुनाती धूप चहकती आबोहवा का
आह्लादित मखमली,अनछुई ये वादियां
कौतूहल से चारू श्रृंखला नीलगिरि का ।
आह्लादित मखमली,अनछुई ये वादियां
कौतूहल से चारू श्रृंखला नीलगिरि का ।
अविगत---अनजाना
मंजुल--सुन्दर , चारू--सुन्दर ,
शैल सिंह
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