शायरी
गुल गुलशन के सारे निखर जाएंगे,
तेरे चलने से आये खिजाँ में बहार
शमां दिल की जलाओ ठहर जाएंगे,
गर बिखरा दो जुल्फों की काली लटें
मस्त मुनव्वर घटा में नजर जायेंगे ,
ग़र छेड़ दे दिल प्यार की दो ग़ज़ल
ग़म के लम्हें भी सर्र से गुजर जाएंगे,
तलब तेरे भी आँखों में देखी है, ग़र
हक़ीक़त बयां हो दिल में उतर जाएंगे ।
शैल सिंह
तलब तेरे भी आँखों में देखी है, ग़र
हक़ीक़त बयां हो दिल में उतर जाएंगे ।
शैल सिंह
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