आज का दिन हिंदुस्तान के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है ,पूरा देश धूमधाम से आजादी का जश्न मनाता है,छब्बीस जनवरी के दिन हम आजादी के परवानों को,दीवानों को अश्रुपूरित आँखों से आजादी के गीत गाकर स्मरण करते हैं और श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं उन अमर शहीदों को याद करते हुए और सीमाओं पर तैनात प्रहरियों के लिए …।
१- देशवा की ख़ातिर जान रखिके हथेली पे
सीमवां पे देत पहरा भीषण सर्दी झेली के
केहू क सजनवां हउवं केहू क वीरनवां हो
केहू क ललनवां हउवं इंकलाव बोली के । अधूरा ....
१- देशवा की ख़ातिर जान रखिके हथेली पे
सीमवां पे देत पहरा भीषण सर्दी झेली के
केहू क सजनवां हउवं केहू क वीरनवां हो
केहू क ललनवां हउवं इंकलाव बोली के । अधूरा ....
२-देश के जवानों तुझको शत-शत नमन है
देश के दुलारों तुझसे ये रौशन चमन है
दुश्मनों से महफूज रखना शहीदों की विरासत
दुवा है हमारी दिल से रहो तुम सलामत
सीमाओं पे डटके करते हम सबकी हिफाज़त
किसी के ललन ,वीरन हैं सजन हैं अमानत ।
आज का ये शुभ दिन कभी ना भूलाना
इल्तजा है देश वासी तिरंगा फहराना ।
कभी आन,बान पर ना आने देना क़यामत
दुश्मनों के गढ़ में जाके ढाना ऐसी शामत ।
शैल सिंह
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