देश के नौजवानों के लिए
देश गान
आन, बान,अस्मिता लिए लड़ीं लड़ाईयां,नौनिहालों शौर्य की सुन लो वो कहानियाँ
जय भारती जय वीरभूमि जय
जय भारती जय वीरभूमि जय।
ललकारी थीं माँएं बहने अपनी आँख के तारों को
सौंपीं,स्वर्नाभूषण,चाँदी,मंगलसूत्र गले के हारों को
स्वाभिमान के समर में ढहा कटुता की दीवारों को
कर में तिलक लगा पकड़ायीं दुधारी तलवारों को
मातृभूमि लिए होम हर कौम ने कर दीं जवानियाँ
नौनिहालों शौर्य की सुन लो वो कहानियाँ
जय भारती जय वीरभूमि जय
जय भारती जय वीरभूमि जय।
पराक्रमी मराठे जूझे थे मुगलों के अत्याचारों से
वतन परस्ती का जज़्बा भर मतवाली हूँकारों से
सत्ता छीनकर किया हुक़ूमत गोरी शुरमेदारों से
चूलें हिला दीं थीं शूरवीरों ने इंक़लाब के नारों से
शेर शिवाजी राणा प्रताप ने दीं अपनी कुर्बानियाँ
नौनिहालों शौर्य की सुन लो वो कहानियाँ
जय भारती जय वीरभूमि जय
जय भारती जय वीरभूमि जय।
जय भारती जय वीरभूमि जय
जय भारती जय वीरभूमि जय।
पराक्रमी मराठे जूझे थे मुगलों के अत्याचारों से
वतन परस्ती का जज़्बा भर मतवाली हूँकारों से
सत्ता छीनकर किया हुक़ूमत गोरी शुरमेदारों से
चूलें हिला दीं थीं शूरवीरों ने इंक़लाब के नारों से
शेर शिवाजी राणा प्रताप ने दीं अपनी कुर्बानियाँ
नौनिहालों शौर्य की सुन लो वो कहानियाँ
जय भारती जय वीरभूमि जय
जय भारती जय वीरभूमि जय।
मनमानी की थीं अंग्रेजों ने जलियाँ वाले बाग़ में
हल्दी घाटी में राजपुताना आयुद्ध था उन्माद में
कूदीं हजारों पद्द्मिनियाँ ज़ौहर होने को आग में
कई मिसालें गौरव की हैं इस माटी की नाभि में
वफ़ादार चेतक की रण में चौकड़ी कलाबाजियाँ
नौनिहालों शौर्य की सुन लो वो कहानियाँ
जय भारती जय वीरभूमि जय
जय भारती जय वीरभूमि जय।
हल्दी घाटी में राजपुताना आयुद्ध था उन्माद में
कूदीं हजारों पद्द्मिनियाँ ज़ौहर होने को आग में
कई मिसालें गौरव की हैं इस माटी की नाभि में
वफ़ादार चेतक की रण में चौकड़ी कलाबाजियाँ
नौनिहालों शौर्य की सुन लो वो कहानियाँ
जय भारती जय वीरभूमि जय
जय भारती जय वीरभूमि जय।
सिर पर बांध तिरंगा सेहरा जांबाज़ी दिखलाई थी
सीने पर जाने कितनी गोली परवानों ने खाईं थीं
देख दीवानगी वीरों की उर्वी की छाती थर्राई थी
सीने पर जाने कितनी गोली परवानों ने खाईं थीं
देख दीवानगी वीरों की उर्वी की छाती थर्राई थी
नयन के तारों की आहुति पर ये आज़ादी पाई थी
खेल रक़्त की होली तोड़ीं परतन्त्रता की बेड़ियाँ
नौनिहालों शौर्य की सुन लो वो कहानियाँ
जय भारती जय वीरभूमि जय
जय भारती जय वीरभूमि जय।
खेल रक़्त की होली तोड़ीं परतन्त्रता की बेड़ियाँ
नौनिहालों शौर्य की सुन लो वो कहानियाँ
जय भारती जय वीरभूमि जय
जय भारती जय वीरभूमि जय।
लहर-लहर लहराये केसरिया शान से अभिमान की
स्वाधीनता का महाप्रसाद ये सूरमों के बलिदान की
ऋण तभी चुका पायेगा भारत होठों के मुस्कान की
छाती से लगाकर रखना थाती पुरखों के सम्मान की
चैन की बंशी बजा के सोती आज़ादी चादर तानियाँ
नौनिहालों शौर्य की सुन लो वो कहानियाँ
जय भारती जय वीरभूमि जय
जय भारती जय वीरभूमि जय।
शैल सिंह
स्वाधीनता का महाप्रसाद ये सूरमों के बलिदान की
ऋण तभी चुका पायेगा भारत होठों के मुस्कान की
छाती से लगाकर रखना थाती पुरखों के सम्मान की
चैन की बंशी बजा के सोती आज़ादी चादर तानियाँ
नौनिहालों शौर्य की सुन लो वो कहानियाँ
जय भारती जय वीरभूमि जय
जय भारती जय वीरभूमि जय।
शैल सिंह
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