शायरी

शायरी---

निगाहों के रस्ते दिल में उतरकर
बिन कहे जाने क्या से क्या कह गये
रूह तक मेरा अपने वश में कर लिया 
जाने क्या क्या दिल पर पैगाम लिख गये।

ऐ ख़ुदा उसको भूलना गवारा नहीं 
उससे मिला दे तो तेरा क्या जायेगा 
थोड़ा करले फिक्र मोहब्बत वालों की
इतनी सी कर दे खता तेरा क्या जायेगा।

मेरी चाहत का जादू तुझपे ऐसा चला
कि तुम एहसास दिल में छुपा ना सके
जो दिल की धड़कीं धड़कनें मेरे लिए 
आवाज़ मुझ तक ना आने से छुपा सके।

मत इस तरह मेरे ख्वाबों में आया करो
मचल उठता है दिल मोहब्बत के लिए 
मत सांसों में इस तरह आया जाया करो
अधर फड़क उठते हैं गुनगुनाने के लिए।

तेरी मोहब्बत में दुनिया का हर रंग फीका
तेरी सोहबत में आकर जाना क्या चीज़ है 
ख्वाब बनकर तुम आओ ना मेरे ख्वाबों में 
भटके मुसाफ़िर नहीं तुम बहुत अज़ीज़ हो।

तुझे पाकर दुनिया का सब कुछ पा लिया 
अब ख़ुदा से कुछ मांगने की जरूरत नहीं 
भले ही अब चाहे ख़ुदा हो नाराज मुझसे 
जब तुम्हीं मिल गये किसी की जरूरत नहीं।

सर्वाधिकार सुरक्षित 
शैल सिंह 

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