हिंदी का हो राज्याभिषेक
हिंदी की ख़्याति बढ़ाने को
इसे हमें सशक्त,समृद्ध करना है
सहर्ष अपना कर इसे प्रतिष्ठित कर
विश्वपटल पर भी प्रसिद्द करना है ,
हिंदी हमारे भारत का गौरव
हिंदी सुशासन,सुराज की धार है
भाल सजा बिंदिया हिंदी
करती हिंदुस्तान का श्रृंगार है ,
गंगाजल सी पावन हिंदी
उर्दू,संस्कृत से भी मिलनसार है ,
कितनी सीधी,सहज,सरल,मधुर
हिंदी हृदय का उद्गार है
रिश्तों की डोरी,ऊष्मा प्राणों की
हिंदी मौसमी गीतों की फुहार है
हिंदी का विस्तार करें हम
ये ऋषि,मुनियों के वाणी की टंकार है ,
मन से मन के तार जोड़ती
हिंदी मधुर,मनोहर रसधार है
कण-कण में है घुली हुई
हिंदी कल-कल बहती जलधार है ,
देश,दुनिया में भी गूंज रही
आज़ हिंदी की ललकार है
बांधती सुर में गीत,ग़ज़ल को
हिंदी मीठी कर्णप्रिय झंकार है ,
भावों में करुणा,पीर पिरोने वाली
हिंदी एकमात्र आधार है
सब भाषाओँ पर भारी पड़ती
हिंदी जब भरती हुंकार है ,
स्वतः उतरती मन के आँगन
कवि मन के कृतियों का संसार है
हिंदी का हो राज्याभिषेक
हम हिन्दुस्तानियों की पुकार है ,
भावों की प्रेयसी,प्रखर वक़्ता भी
हिंदी तेरा जय-जयकार है
परचम हिंदी का लहर रहा
बह रही दिशा-दिशा बयार है ,
हिंदी मणि है हिंदुस्तान की
परिष्कृत सम्प्रेषणीय उदार है
जन मानस को करती जागरूक
हिंदी हृदय से तेरा सत्कार है।
शैल सिंह
विश्वपटल पर भी प्रसिद्द करना है ,
हिंदी हमारे भारत का गौरव
हिंदी सुशासन,सुराज की धार है
भाल सजा बिंदिया हिंदी
करती हिंदुस्तान का श्रृंगार है ,
गंगाजल सी पावन हिंदी
उर्दू,संस्कृत से भी मिलनसार है ,
कितनी सीधी,सहज,सरल,मधुर
हिंदी हृदय का उद्गार है
रिश्तों की डोरी,ऊष्मा प्राणों की
हिंदी मौसमी गीतों की फुहार है
हिंदी का विस्तार करें हम
ये ऋषि,मुनियों के वाणी की टंकार है ,
मन से मन के तार जोड़ती
हिंदी मधुर,मनोहर रसधार है
कण-कण में है घुली हुई
हिंदी कल-कल बहती जलधार है ,
देश,दुनिया में भी गूंज रही
आज़ हिंदी की ललकार है
बांधती सुर में गीत,ग़ज़ल को
हिंदी मीठी कर्णप्रिय झंकार है ,
भावों में करुणा,पीर पिरोने वाली
हिंदी एकमात्र आधार है
सब भाषाओँ पर भारी पड़ती
हिंदी जब भरती हुंकार है ,
स्वतः उतरती मन के आँगन
कवि मन के कृतियों का संसार है
हिंदी का हो राज्याभिषेक
हम हिन्दुस्तानियों की पुकार है ,
भावों की प्रेयसी,प्रखर वक़्ता भी
हिंदी तेरा जय-जयकार है
परचम हिंदी का लहर रहा
बह रही दिशा-दिशा बयार है ,
हिंदी मणि है हिंदुस्तान की
परिष्कृत सम्प्रेषणीय उदार है
जन मानस को करती जागरूक
हिंदी हृदय से तेरा सत्कार है।
शैल सिंह
आदरणीय शैल जी हिंदी के वंदन और अभिनन्दन दिवस पर हिंदी की अभ्यर्थना में लिखी गयी आपकी रचना अनुपम बन पड़ी है |
जवाब देंहटाएंहिंदी मणि है हिंदुस्तान की
परिष्कृत सम्प्रेषणीय उदार है
जन मानस को करती जागरूक
हिंदी हृदय से तेरा सत्कार है।-----
बहुत ही सुंदर और लाजवाब पंक्तियाँ ------ हिंदी दिवस पर आपको मेरी हार्दिक शुभकानाए ---------