बुधवार, 28 अगस्त 2013

कृष्ण जन्माष्टमी पर मेरे द्वारा रचित भजन

          ''कृष्ण जन्माष्टमी पर मेरे द्वारा रचित कृष्ण भजन''

नन्द के दुलारे कबसे 
खड़ी हूँ तिहारे दर पे ,
दर्शन को प्यासी अँखिया 
तेरी मैं पुजारन रसिया--२ 

मीरा की भक्ति भर दो
राधा की प्रेम पूजा ,
तुझमें रमा दूँ जीवन 
भर दो ऐसा भाव भींगा , 
तम् सा अँधेरा मन में 
ज्ञान का सवेरा भर दो ,
धनवान तुम तो लखिया 
दर की मैं भिखारन रसिया --२


नन्द के दुलारे कबसे
खड़ी हूँ तिहारे पे ,
दर्शन को प्यासी अँखिया
तेरी मैं पुजारन रसिया--२

रास के रचईया स्वामी 
तुम  अन्तर्यामी ,
भटकी हूँ पथ से अपने
मैं हूँ खल कामी ,
मोह ,दंभ ,लोभ मिटा दो
करुणा ,अनुराग जगा दो ,
पालनहार तुम तो लखिया 
दर की मैं भिखारन रसिया --२ 

नन्द के दुलारे कबसे
खड़ी हूँ तिहारे पे ,
दर्शन को प्यासी अँखिया
तेरी मैं पुजारन रसिया--२
                                          शैल सिंह




बड़े गुमान से उड़ान मेरी,विद्वेषी लोग आंके थे ढहा सके ना शतरंज के बिसात बुलंद से ईरादे  ध्येय ने बदल दिया मुक़द्दर संघर्ष की स्याही से कद अंबर...