होली के लिए विशेष
मिल-बैठ बांटिये अग़र हो सके दुःख-दर्द आपसी
इर्ष्या,द्वेष भाव,सन्ताप और विकार शमन कीजिए ।
सच्ची प्रीति की बरसातों का फुहार चलन कीजिए
रंगों की होली धूम-धाम से जाकर घर-घर मनाईये
खिलखिलाईए खुलकर मिटाकर मन की तल्ख़ियाँ
ठण्डई,भांग में मिसरी प्यार की घोल कर पिलाइए ।