देश लिए शहीद हुए एक सैनिक की भावना
तेरी आन लिए प्रान किया क़ुरबान प्यारे देश मेरे
मेरे प्रति तेरा भी तो देश कुछ फ़र्ज होना चाहिए ,
दौलत,जागीर,तख़्तो-ताज़ हम परवानों का प्रिय तिरंगा है
वतन के गौरव लिए मर मिटना हम दीवानों का फण्डा है
सीने से लगाये रखना शहादत को हमारी न्यारी धरती माँ
किस हाल में महतारी,हाल क्या है प्राण प्यारी की
किस हाल में दुलारा,हाल क्या लाड़ली दुलारी की
किस हाल में दुलारा,हाल क्या लाड़ली दुलारी की
जो सहारा बूढ़े पिता ने देश तेरी आन लिए वारा है
उस घर का भी तुझपे देश कुछ क़र्ज़ होना चाहिए ,
तेरे सम्मान,आन,बान लिए माता ने उजाड़ी कोख़
ज़िन्दगी भर लिए जिसने आँचल रखी समेट शोक
तेरे सम्मान,आन,बान लिए माता ने उजाड़ी कोख़
ज़िन्दगी भर लिए जिसने आँचल रखी समेट शोक
जिसने राखी की कलाई भेंट दी देश की भलाई पे
दुख के पहाड़ का भी देश कुछ अर्ज़ होना चाहिए ,
जिसके गाँव का चराग़ बुझा मुरझाये फूल बाग़ के
जिस द्वारे पर अर्थी आई ध्वजा में लपेटी संवार के
जिस द्वारे पर अर्थी आई ध्वजा में लपेटी संवार के
जिन आँसुओं की धार नहीं टूटे भाई को निहार के
दर्द,बलिदानी गांव का,देश कुछ दर्ज़ होना चाहिए।
देश भक्ति पर कुछ पंक्तियां
थोड़ा शर्म करो सियासत करने वालों
नमन तो करो देख जवानों का जज़्बा
सेना तुम्हारी ही हिफ़ाज़त में ऐ मूर्खों
नमन तो करो देख जवानों का जज़्बा
सेना तुम्हारी ही हिफ़ाज़त में ऐ मूर्खों
करती सरहदों पर देश लिए जां क़ुर्बां ।
वतन से की मोहब्बत पर क़फ़न का बांध कर सेहरा
एक दिन तो है मरना क्यूं ना मरें तिरंगा तन पर लहरा
एक दिन तो है मरना क्यूं ना मरें तिरंगा तन पर लहरा
ग़र आबाद रहे हिन्दोस्तान हम जवानों की शहादत से
तो क़ुर्बांन होने को देना जनम माँ बार-बार ईबादत से ।
तो क़ुर्बांन होने को देना जनम माँ बार-बार ईबादत से ।
वतन से मोह हमें इतना कि महक़ भरमा ना पाई गज़रे की
जुनून देशभक्ति का इतना चितवन रोक ना पाई कजरे की
उन्माद वतनपरस्ती का भाल रुधिर का तिलक लगा निकले
क़दम रणबांकुरों के न पाई रोक ममता भी माँ के अँचरे की ।
दौलत,जागीर,तख़्तो-ताज़ हम परवानों का प्रिय तिरंगा है
वतन के गौरव लिए मर मिटना हम दीवानों का फण्डा है
सीने से लगाये रखना शहादत को हमारी न्यारी धरती माँ
शौक हो गया पूरा तन पर लपेट तिरंगा लहराया झण्डा है ।
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