रविवार, 19 जनवरी 2014


                                          'दिल्ली तूं किस हाल में ' 

दिल्ली की राजनीति में आजकल जो भूचाल आया हुआ है जो उठा-पटक ,खलल मची हुई है उसकी जिम्मेदार खुद दिल्ली कि जनता है। भावावेश में बहकर दिल्ली की जनता ने जो अपने मतों के साथ खिलवाड़ किया है उसके परिणाम का हश्र खुद उन्हें समझ में आ रहा होगा,और ऐसा नहीं भी हो सकता है क्योंकि ये ज्ञानी और समझदार लोगों की जमात के लोग नहीं हैं। शीला दीक्षित सरकार का कार्यकाल देखा ही था फिर नए खिलाड़ीयों के साथ खेलकर क्या मिला,अस्थिरता कि तलवार हर पल लटकी हुई है,खींचतान मची हुई है। रोज लग रहे आरोपों-प्रत्यारोपों से निपटने में सारा समय जाया हो रहा है ,जनता कि समस्याओं का निदान करने का वक्त तो अपनी ही पार्टी कि समस्याओं से जूझने और निपटने में व्यतीत हो रहा है । भावनाओं की आंधी ने दिल्ली की जनता के सोच-समझ को कुंद कर दिया।यदि भारतीय जनता पार्टी ने इतने अधिक सीटों को हासिल किया तो निश्चित इसके पीछे बड़े,बुजुर्ग और बुद्धिजीवियों के अनुभवों का कमाल है,युवाओं और गरीबी से जूझती झुग्गी झोपड़ी वाली जनता की अपरिपक्वता ने दिल की सुनी दिमाग से काम नहीं लिया।बिन्नी के विरोधाभाषी वक्तव्य ,राखी बिड़ला और सोमनाथ की चर्चाएं ,धैर्य कि कमीं इतनी हड़बड़ाहट जैसे लगता है पल में दिल्ली कि तस्वीर बदल देंगे ,ये सब आने वाले तूफान के संकेत हैं। देहाती कहावत [ताते दूध बिलार नाचे ]  आप पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस के समर्थन से किला क्या फतह कर लिया जैसे और राज्यों में भी झंडा गाड़ देंगे। अब शायद जनता फिर नासमझी की पुनरावृति ना करे। गली-गली में नमो-नमो का नारा गूंज रहा है एक बार बहुमत से देश कि तकदीर मोदी के हाथों आ जाये तो शायद देश कि तस्वीर बदल जाये और अछूत का धब्बा भी धुल जाए, मोदी के राज्य में ही वो सबसे ऊँचा दर्जा पाएंगे जो अपने को उपेक्षित और भारतीय जनता पार्टी को सांप्रदायिक कहते हैं ,गुजरात इसका साक्षात् उदहारण है,दुष्प्रचारों ने बरगलाने का जो काम किया है अब पढ़े लिखे ऊँची सोच वाले अल्पसंख्यक भी माजरा समझने लगे हैं,उनको हर पार्टी ने यूज किया है और भारतीय जनता पार्टी के प्रति भड़काने का काम किया है ,अल्पसंख्यक तो हमारी ताकत हैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र में उनका भी उतना ही हक़ है जितना हमारा ,उनको भी समझना चाहिए । सपा,बसपा,कांग्रेस इत्यादि ने उनके भोलेपन का दुरुपयोग किया है अब शायद वह भी दिमाग का इस्तेमाल करेंगे,सबको आजमाने के बाद,एक बार सोचों में तब्दीली लाकर तो देखें ,आजमाकर तो देखें कि उनके मतों का कितना योगदान है। प्रधानमंत्री के रूप में मोदी जी का नारा बुलंद करते हुए हर-हर महादेव ,अल्ला रहम करे… 

बड़े गुमान से उड़ान मेरी,विद्वेषी लोग आंके थे ढहा सके ना शतरंज के बिसात बुलंद से ईरादे  ध्येय ने बदल दिया मुक़द्दर संघर्ष की स्याही से कद अंबर...