शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2022

" आँखों की करामात पर ग़ज़ल "

आँखों की करामात पर ग़ज़ल



आँखों को मैंने अपनी घटा बना लिया है
उमड़ कहीं न कह दें दिल का राज सारा
इसलिए रख अधरों पे मुस्कान की डली
भींगती रोज भीतर देख अन्दाज़ तुम्हारा ,

निग़ाहों के लफ़्ज़ों से कशमकश में हूँ मैं
फंसी कैसी दुबिधाओं के कफ़स में हूँ मैं
तुम कैसे बाज़ीगर हारा एहतियात सारा
तिलस्मी बड़ा दीद का अल्फ़ाज़ तुम्हारा ,

धड़कनों की सरहद पार आ थे जब गये
निग़ाहों के समंदर उतर नहा थे जब गये
तो कह जाते दिल का भी जज़्बात सारा
बेज़ार करता है नि:शब्द सौगात तुम्हारा ,

ऐसे गुमनाम हुये तुम दे प्रीत की तावीज़ 
क़त्ल किये सुकूं का औ बने भी अज़ीज़ 
निग़ाहों में रख चलते तुम हथियार सारा 
ख़ंजर से तेज किया है मौन वार तुम्हारा ,

नैन किये थे तेरे जो नादाँ दिल से सुलूक 
खिल गये थे गुल प्यार के उद्गार हैं सुबूत 
कर दिया है बयां लिख कर हालात सारा
बेचैन करे तन्हाईयों में ख़यालात तुम्हारा ।

कफ़स--- पिंजरा
सर्वाधिकार सुरक्षित 
              शैल सिंह 


13 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर रविवार 27 फ़रवरी 2022 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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    उत्तर
    1. "पांच लिंकों का आनन्द" पर मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार

      हटाएं
  2. आदरणीय शैल सिंह जी, आपकी रचना बहुत अच्छी है। आपने शब्दों का चयन और सामंजन बेहतरीन ढंग से किया है।
    ऐसे गुमनाम हुये तुम दे प्रीत की तावीज़
    क़त्ल किये सुकूं का औ बने भी अज़ीज़।
    सादर आभार!--ब्रजेंद्रनाथ

    जवाब देंहटाएं
  3. निग़ाहों में रख चलते तुम हथियार सारा
    ख़ंजर से तेज किया मौन है वार तुम्हारा ,
    वाह!!!!

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  4. बहुत अच्छी रचना है ।
    क्षमा सहित अंतिम पंक्ति में मुलाकात तुम्हारा ज़रा समझ से बाहर हो रहा है । मुलाकात स्त्रीलिंग शब्द है इसलिए तुम्हारी आना चाहिए था ।

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    उत्तर
    1. आपका बहुत-बहुत आभार संगीता जी ,त्रुटि को सुधार दिया है शायद अब उपयुक्त शब्द प्रयोग किया हो मैंने इसे भी पढ़कर उचित सुझाव दीजिएगा।

      हटाएं
  5. बहुत सुन्दर प्रिय शैल जी। आंखों की करामात के सभी रंगों को समेटती आपकी रचना बहुत मोहक और भावपूर्ण है। हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं आपको।

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  6. संगीता दीदी की बात से सहमत हूं।

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  7. रेणु जी धन्यवाद आपको,अन्तिम पंक्ति को सुधार दिया है सुझाव के लिए भी आभार आप और संगीता जी का ।

    जवाब देंहटाएं

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