सोमवार, 22 अगस्त 2022

आत्मविश्वास सबसे बड़ी ताक़त है

 आत्मविश्वास सबसे बड़ी ताक़त है


कुछ लोग कांटे बिछाए बहुत चाह की राह में
मगर कांटे भी कर लिए मुहब्बत मेरी चाह से ,

कोशिशें बहुत किये लोग मनोबल तोड़ने की
मगर साथ निबाहा मेरा धैर्य ने धैर्य के हाथ से ,

रस्सी आत्मविश्वासन की थामे रहीं मुरादें मेरी
नहीं तो ख़ाब हो जाता धराशाई छल विद्वेष से ,

चक्रवात आया बहुत,ज़िद मेरी जूझ लहरों से  
लाकर खड़ी कर दी कग़ार पे क़श्ती गैरत से ,

शक़ खुदा को भी ना था क़ाबिलियत पर मेरी
बख़्श दी रब ने भी चाहत मेरी क़ाबिलियत से ,

कबतक मिटायेगा द्वेष से कोई हस्तरेखा  मेरी
जल-जल ख़ुद ख़ाक होंगे वैरी मेरी हैसियत से ,

कैसी-कैसी परिस्थितियों से गुजरी यह ज़िंदगी  
मिली तब आकर मुझसे मेरी मन्ज़़िल ख़ुशी से ।
                       
शैल सिंह   

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