भारत फिर से विश्व के मानस पटल पर एक अलग पहचान बना रहा है ।
' हम हैं विश्व गुरु '
हो चाँद हमारी मुट्ठी में हमें करना सूरज भी बस में
उत्तुंग शिखर से सागर तक हम चमकें सारे जग में ।
शांति,अमन के हम प्रहरी तुझे पाक उत्पात मचाना आता
जब ख़ुश्बू होगी आम हमारी करनी पर होगा तूं पछताता ।
हम बेजा वक़्त नहीें गंवाते तुझ सा असभ्य हरकतें कर के
करना मुकाबला तो आओ ना पथ विकास के चल कर के ।
भगवान हमारे मस्जिद में रमते ख़ुदा रहता मन्दिर में तेरा
हम सुनें अज़ान मस्जिद की सुने तूं स्त्रोत मन्दिर का मेरा ।
हम मलयज सा महक फ़िज़ा में बिखरा रहे दिन-प्रतिदिन
ग़र देते लोबान का तुम सोंधापन आकंठ लगाते निशदिन ।
चाँद पर होगा घर अपना करेगा सूरज भी मेहमाननवाजी
बिछाओ चौपड़ की कोई भी बिसात हम जीतेंगे हर बाजी ।
जल,वायु,अवनि,अंबर अपना सपना हमसे ही ज़माना हो
हम नहीं ज़माने से अभिलााषा जग हम पर ही दीवाना हो ।
हमसे रौशन शफ़क़,हमारे केतन को नस्तक विश्व करेगा
जो साख ढहाया हिंद के गौरव की जल आके यहाँ भरेगा ।
हम विश्व पटल पर उभर रहे हैं नव युग की लाली बनकर
तरल,विनम्र हैं मगर डटे वलिष्ठ,साहसी,बलशाली बनकर ।
काल चक्र कृपालु हमपर विश्व का प्रतिनिधित्व हमीं करेंगे
नित उत्थान के डगर अग्रसर दुनिया का नेतृत्व हमीं बनेंगे ।
हमें विश्व से करना मुकाबला सबसे आगे होंगे हिन्दुस्तानी
जहान से लोहा मनवाना नहीं है जग में हम सा कोई सानी ।
पार्श्व में तारे अम्बर के झण्डा शान से अन्तरिक्ष लहराएगा
ताज विश्वगुरू का शीर्ष हमारे जग जय भारत जय गायेगा ।
सर्वाधिकार सुरक्षित
शैल सिंह
क्या बात है। बेहतरीन सृजन
जवाब देंहटाएंआपका बहुत-बहुत रविन्द्र जी
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सुजाता जी
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