ऐ भारत के मेरे नौजवानों ललकारो अपने यौवन को
बाधाओं,व्यवधानों को काटो, संवारो अपने लक्ष्यों को,
भरो यौवन में साहस,संकल्प करो अद्भुत कुछ करने को
यौवन की आँधी समाधान कर दे दुर्लभ समस्याओं को ,
लक्ष्यहीन जीवन भी क्या जीवन है सदा लक्ष्यनिष्ठ बनो
यौवन को गतिमान बना युवाशक्ति जगा सत्यनिष्ठ बनो ,
नहीं व्यर्थ गंवाओ जीवन अपना त्याग दो विकृतियों को
पहचानो अपनी क्षमता,उबारो दलदल से दुष्प्रवृत्तियों को ,
गम्भीर चुनौतियों से लड़ना सुखदेव,भगतसिंह बनना होगा
राष्ट्रहित लिये महावीर,गौतम सा युवाओं तुझे उभरना होगा ,
दिग्भ्रमित हो मत करो उल्लंघन समाज की मर्यादाओं को
सही मार्ग अपनाओ छोड़ो बेकार,विकृत निरंकुशताओं को ,
जलाकर नई क्रान्ति की ज्वाला फिर से नया आगाज करो
जाति,धर्म में नहीं बंटना देश लिए यह प्रण तुम आज करो ,
पहल करो एकता की मशाल से,नये भारत की अरूनाई का
राष्ट्र विकास के लिए एकजुट हो दिखा दो जोश तरुणाई का ,
धर्म,संस्कृत की अलख जगा,देश का जग में ऊँचा नाम करो
वीर शिवाजी,राणा जैसा आतंक,अनाचार का प्रतिकार करो ,
बनाओ खुद को चट्टानों सा मजबूत भरो भुजाओं में ताकत
ऐ भारत माँ के वीर पुत्रों दिखला दो वो दुनिया को नज़ाकत ।
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शैल सिंह
जोश दिलाती बहुत सुन्दर रचना,आज समाज में ऐसी ही रचना की आवश्यकता है👌👌
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत आभार आपका
हटाएंदिग्भ्रमित हो मत करो उल्लंघन समाज की मर्यादाओं को
जवाब देंहटाएंसही मार्ग अपनाओ छोड़ो बेकार,विकृत निरंकुशताओं को ,
वाह!!!
बहुत सुन्दर प्रेरक सृजन।
बहुत-बहुत धन्यवाद सुधा जी
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