होली पर एक मधुर गीत
आया फागुन का महिना फूल खिल गये टहक पलाश के
खेत,खलिहान हुए गुलज़ार दिन आ गये हर्ष,उल्लास के ,
आया फागुन का महिना-------------।
अनुपम श्रृंगार किया फागुन ने आई किसलय में तरुनाई
अमुवा का मंजर मह-मह महके कोयल कूंके ले अंगड़ाई
लगे बहकने तितली,भौंरे देख कलियों का बाग़ में यौवन
मंजुल फूलों की पीली चादर सरसों खेतों में बिछा हर्षाई ,
आया फागुन का महिना-------------।
भीनी-भीनी सुगन्घ से पुलकित हुईं चहुदिशाएँ फागुन में
मन मयूर सा मतवाला विरह की अगन जलाए फागुन में
आओ प्रेम के रंग में रंग प्रीतम अतर्मन भींगाएं फागुन में
मादक गंधों से सांसें अलसाई हमतुम महकाएं फागुन में ,
आया फागुन का महिना-------------।
बौरा जाते सब फागुन में तोड़ के संयम के सारे प्रतिबंध
उन्मत्त हो जाता फागुन भी कर वसंत में रंगों से अनुबंध
मलना गुलाल अंग-अंग कपोल पर रह मर्यादा में सौगंध
भाईचारे का त्यौहार है होली रखना मधुर सबसे सम्बन्ध ,
आया फागुन का महिना-------------।
सर्वाधिकार सुरक्षित
शैल सिंह
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