नव वर्ष पर कविता
नवल वर्ष है स्वागत तेरा
लाना जीवन में नया विहान
नई स्फूर्ति,नये जोश,आनंद से
भरना नई पतंगों में नभ नया उड़ान ।
नवल वर्ष हो मंगलमय
बीते वर्ष ने गाया मंगलगीत
अम्बर ने बरसाया फूल हर्ष से
भर अंकवार बसुंधरा ने लुटाया प्रीत ।
नई भोर की नई किरण
सूरज धूप का सेहरा बाँधे
धरा बनी सज-धज के दुल्हन
सधे-सधे पग देहरी धर शरमा लाँघे ।
ओ नव वर्ष के नव प्रभात
भरना नव उजास जीवन में
हर्षो-उल्लास से नूतन सौगातें
उलिचना आँजुरी भर-भर आँगन में ।
ऊँच-नीच का भेद मिटाना
प्रीत ज्योति जला हर उर में
हर पल सुनहरा सुखमय बीते
हिल-मिलके गायें नग़मा हम सुर में ।
आने वाला लम्हा मुबारक
मिटे रंजिश,नफ़रत के चाहत
बीते वर्ष के खट्टे-मीठे अनुभव
बिसार करें हम सब सबसे मुहब्बत ।
मानवता का कर कल्याण
अरपन रचना हर घर के द्वार
आत्मीयता की अलख जगाना
अद्भूत उन्नति,समृद्धि का दे उपहार ।
सर्वाधिकार सुरक्षित
शैल सिंह
सुन्दर सृजन
जवाब देंहटाएंआभार आपका आदरणीय
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