नव वर्ष पर कविता
नवल वर्ष आया है द्वार
नये उमंग से नई तरंग से
नव वर्ष का करें सत्कार ,
मंगलमय हो जीवन सबका
आओ बांटें खुशियों के उपहार
निष्ठा के मंगलदीप जलाएं
बीती बातों को हमसब बिसार ,
बारें नेह की बाती प्रीत दीप में
सभी के सपने हों साकार
नई उछाह का नये उत्साह का
सबके जीवन में हो अवतार ,
शुभकामनाएं नव वर्ष की
मिले सभी को रोजी रोजगार
भूखा,नंगा, ना बेघर हो कोई
ना जुल्म किसी पे हो अत्याचार ,
बीते साल को अलविदा कह
लेती अंगड़ाई पृथ्वी है ईक बार
हवाओं,दिशाओं,दिलों में सबके
नूतन सौगात दे करती नव संचार ,
हो अमन शान्ति हो भाईचारा
हो भारत भूमि से सबको प्यार
तज ईर्ष्या,द्वेष,दुर्गुण सब अपने
बस हो प्यार,प्यार और केवल प्यार ।
सर्वाधिकार सुरक्षित
शैल सिंह
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