गुरुवार, 2 जनवरी 2020

नव वर्ष पर कविता

नव वर्ष पर कविता



बीते बरस की देहरी छोड़ 
नवल वर्ष आया है द्वार 
नये उमंग से नई तरंग से
नव वर्ष का करें सत्कार ,

मंगलमय हो जीवन सबका
आओ बांटें खुशियों के उपहार 
निष्ठा के मंगलदीप जलाएं 
बीती बातों को हमसब बिसार ,

बारें नेह की बाती प्रीत दीप में 
सभी के सपने हों साकार 
नई उछाह का नये उत्साह का
सबके जीवन में हो अवतार ,

शुभकामनाएं नव वर्ष की 
मिले सभी को रोजी रोजगार
भूखा,नंगा, ना बेघर हो कोई
ना जुल्म किसी पे हो अत्याचार ,

बीते साल को अलविदा कह
लेती अंगड़ाई पृथ्वी है ईक बार 
हवाओं,दिशाओं,दिलों में सबके
नूतन सौगात दे करती नव संचार ,

हो अमन शान्ति हो भाईचारा 
हो भारत भूमि से सबको प्यार 
तज ईर्ष्या,द्वेष,दुर्गुण सब अपने
बस हो प्यार,प्यार और केवल प्यार ।

सर्वाधिकार सुरक्षित 
शैल सिंह 

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