कविता " मोदी जी पर "
एक के खिलाफ सारे लामबंद हैं
जिसके साथ बस आवाम चंद हैं
जिसने महका दिया नाम देश का
विश्व के फलक पर फूल की तरह
वो इंसान मोदी ससम्मान पसंद हैं ।
सरसठ वर्षों की चरमराई व्यवस्था
है पटरी पर भी लाना वक्त तो जनाब चाहिए ।
जिसका घर परिवार पूरा देश दोस्तों
उसे देशवासियों का सहयोग बेहिसाब चाहिए ।
अभी तो हुए हैं जुम्मा-जुम्मा चार दिन
सारे विरोधियों का जुमला बस हिसाब चाहिए ।
टमाटर,प्याज,दाल तक हैं सीमित जो
वो बताएं उन्हे कैसे भारत का ख़िताब चाहिए ।
स्वप्न कमरतोड़ मशक्कत का जिसके
कि हर क्षेत्र में भारत होना बस आबाद चाहिए ।
बन्द कर दीं लूटने खाने की खिड़कियाँ
बताओ देेश,लुटेरों को देना क्या जवाब चाहिए ।
कब किसके संग कहाँ किया भेदभाव
जिसे बस सबका साथ सबका विकास चाहिए ।
जाति,द्वेष,धर्म में बांट मत देश तोड़िए
प्यारा हिन्दुस्तान आपको भी तो नायाब चाहिए ।
बढ़ती हैसियत भी जरा देखेें हिन्द की
हिन्दुस्तान को मोदी सा कद्दावर अंदाज चाहिए ।
शैल सिंह
जिसके साथ बस आवाम चंद हैं
जिसने महका दिया नाम देश का
विश्व के फलक पर फूल की तरह
वो इंसान मोदी ससम्मान पसंद हैं ।
सरसठ वर्षों की चरमराई व्यवस्था
है पटरी पर भी लाना वक्त तो जनाब चाहिए ।
जिसका घर परिवार पूरा देश दोस्तों
उसे देशवासियों का सहयोग बेहिसाब चाहिए ।
अभी तो हुए हैं जुम्मा-जुम्मा चार दिन
सारे विरोधियों का जुमला बस हिसाब चाहिए ।
टमाटर,प्याज,दाल तक हैं सीमित जो
वो बताएं उन्हे कैसे भारत का ख़िताब चाहिए ।
स्वप्न कमरतोड़ मशक्कत का जिसके
कि हर क्षेत्र में भारत होना बस आबाद चाहिए ।
बन्द कर दीं लूटने खाने की खिड़कियाँ
बताओ देेश,लुटेरों को देना क्या जवाब चाहिए ।
कब किसके संग कहाँ किया भेदभाव
जिसे बस सबका साथ सबका विकास चाहिए ।
जाति,द्वेष,धर्म में बांट मत देश तोड़िए
प्यारा हिन्दुस्तान आपको भी तो नायाब चाहिए ।
बढ़ती हैसियत भी जरा देखेें हिन्द की
हिन्दुस्तान को मोदी सा कद्दावर अंदाज चाहिए ।
शैल सिंह
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